गन्ना भुगतान बकाया (Sugarcane payment) को लेकर उत्तर प्रदेश आमतौर पर सुर्खियों में रहता है. लेकिन हरियाणा (Haryana) के किसानों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, यहां पर यूपी (UP) के मुकाबले प्रति क्विंटल गन्ना का दाम 25 रुपये अधिक है. प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के पेराई सीजन 2020-21 के कुल बकाया भुगतान के लिए सहकारी चीनी मिलों को 315 करोड़ रुपये की रकम कर्ज के रूप में जारी कर दी है. क्योंकि मिलों ने किसानों का बकाया रखा हुआ है. अब चीनी मिलें यह पैसा किसानों को देंगी.

इसके अलावा, सरकार ने चीनी मिलों को 47 करोड़ रुपये की सब्सिडी (Subsidy) भी जारी की है. जिसमें सरस्वती मिल की सब्सिडी भी शामिल है. सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने सहकारी चीनी मिलों को जारी की गई रकम का पूरा ब्यौरा दिया.

किस चीनी मिल को कितनी रकम मिली

-पानीपत की सहकारी चीनी मिल को 34.50 करोड़ रुपये.
-रोहतक की सहकारी चीनी मिल को 14.60 करोड़.
-करनाल की सहकारी चीनी मिल को 36 करोड़ रुपये दिए गए.
-सोनीपत की सहकारी चीनी मिल को 33.30 करोड़ रुपये मिले.
-शाहबाद की सहकारी चीनी मिल को 32.70 करोड़ रुपये.
-जींद की सहकारी चीनी मिल को 20.60 करोड़ की रकम मिली.
-पलवल की चीनी मिल को 33.50 करोड़ रुपये दिए गए.
-महम की सहकारी चीनी मिल के हिस्से 48 करोड़ रुपये आए.
-कैथल की सहकारी चीनी मिल को 31.80 करोड़ मिले.
-गोहाना की सहकारी चीनी मिल को 30 करोड़ रुपये जारी किए गए.

मंत्री ने किया है 10 जुलाई तक भुगतान का वादा

प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल पिछले दिनों अधिकारियों की एक बैठक लेकर 10 जुलाई तक गन्ना बकाया भुगतान करने के आदेश दिए थे. मंत्री ने बताया था कि हाल ही के पेराई सीजन 2020-21 के दौरान सहकारी चीनी मिलों ने 429.35 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की है. जिसकी कुल रकम 1500.83 करोड़ बनती है. इसमें से 1082.16 करोड़ रुपये की राशि गन्ना किसानों को दी जा चुकी है. शेष रकम 10 जुलाई तक दे दी जाएगी.

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