साल 2004 में किंग खान शाहरुख खान और प्रीती जिंटा की फिल्म वीर-जारा ने बॉलीवुड में खूब धमाल मचाया था. इस फिल्म में दो प्रेम करने वालों को दिखाया था, जो एक-दूसरे से काफी प्यार करते हैं लेकिन फिर बिछड़ जाते हैं लेकिन दोनों को ही अपने प्यार पर काफी भरोसा होता हैं और दोनों 20 साल फिर से मिल जाते हैं. आज इस लेख में हम जो कहानी बताने जा रहे हैं वो इस फिल्म से काफी मिलती जुलती हैं.

ये कहानी एक ऐसे कपल की हैं जो शादी के एक साल बाद ही अलग हो जाते हैं और फिर 72 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद फिर मिलते हैं. दरअसल कन्नूर में शारदा नाम की एक 85 वर्षीय महिला 72 साल बाद अपने पति से मिली. उनके पति ई नारायणन जिनकी उम्र 89 वर्ष हो चुकी थी.

वर्ष 1946 में 13 वर्षीय शारदा और 17 वर्षीय ई नारायणन ने शादी की थी. हालाँकि शादी को एक वर्ष भी नहीं बीता था और दोनों को अलग होना पड़ा था. दरअसल नारायणन ने कवुमबाई के किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था. नारायणन अपने पिता थालियान रमन नांबियार के साथ थे हालाँकि इस आंदोलन के कारण दोनों अंडरग्राउंड हो गए. करीब 2 महीने बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और दोनों को जेल में बंद कर दिया.

इतनी की नहीं दोनों की गिरफ्तारी की बाद पुलिस नारायणन के घर शारदा और उसकी सास को भी गिरफ्तार करने पहुंची थी लेकिन दोनों ने किसी तरह पुलिस से खुद को बचा लिया. हालाँकि इस दौरान पुलिस ने उनके घर को आग लगा दी थी. इस घटना के बाद शारदा की सास ने उन्हें माइके भेज दिया था.

इस घटना के बाद शारदा और उनके परिवार ने नारायणन को ढूढ़ने की खूब कोशिश की हालाँकि कुछ वर्षों की ढूढ़ के बाद नारायणन की वापसी की आस टूटने लगी. इस दौरान शारदा के घर वालों ने उसकी दूसरी शादी करा दी.

दूसरी शादी के बाद सब काफी अच्छा चल रहा था और शारदा के 6 बच्चे हुए, जिसमे से 2 की मौत हो गई. जब शारदा की उम्र 72 वर्ष थी तब उनके बेटे भार्गवन ने अपनी माँ शारदा को उनके पहले पति नारायणन से मिलाने की ठान ली.

बताया जाता हैं कि जब नारायणन और उनके पिता जेल में थे तब उन पर हमला हुआ था, जिसमे उनके पिता की मौत हो गई थी, हालाँकि नारायणन बच गए थे. गिरफ्तारी के 8 वर्ष बाद 1954 में नारायणन रिहा हो गए और उन्होंने भी दूसरी शादी कर ली.

शारदा का बेटा भार्गवन अपनी माँ को पहली शादी के बारे में सब जानता था, यहाँ तक कि वह नारायणन के कुछ रिश्तेदारों को भी जानता था, जिसके कारण उन्हें पता चला कि नारायणन अभी जिंदा हैं. जिसके बाद उन्होंने अपनी माँ को नारायणन से मिलाने की ठानी.

जब भार्गवन ने शारदा को बताया कि वे उन्हें नारायणन से मिलवाना चाहते हैं तो तब शारदा ने मिलने से साफ़-साफ इनकार कर दिया लेकिन काफी समझाने के बाद उन्होंने हामी भर ली. जिसके बाद बेटे भार्गवन के घर 72 वर्षों से बिछड़े नारायणन और शारदा की मुलाकात हुई.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.