बिहार में पिछले कई साल से शराबबंदी लागू है. लेकिन इसको लेकर सियासत चालू है नेता लोग इस पर राजनीती करते है और आये दिन यह भी देखने को मिलता है की शराबबंदी वाले बिहार में ही जहरीली शराब के कारण लोगों की मौत हो जाती है. अब एक बार फिर से जहरीली शराब पर चर्चा तेज हो गई है और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस मुद्दे पर अपना ब्यान दिया है.
दरअसल अपने ब्यान से हमेशा चर्चा में रहने वाले जितना राम मांझी एक बार फिर से वो नितीश सरकार को निशाना पर लेते हुए शराबबंदी को नाटक बताया है. इससे पहले भी जितन राम मांझी ने कई बार नितीश सरकार को निशाना पर लिया है और शराबबंदी पर कड़ी टिपन्नी किया है.
इतना ही नहीं जीतन राम मांझी इससे पहले ये भी बताये थे की शराब खराब चीज नहीं है इसे दवाई के रूप में थोड़ी मात्रा में लेनी चाहिए और उन्होंने अफसरों बड़े-बड़े अधिकारीयों को लपेटते हुए कहा की सभी लोग रात को ब्रांडेड शराब पीते है और इसमें आम जनता परेशान है.
देखिये अपनी बातों में जीतन राम मांझी ने आगे कहा की जब कोई गरीब मजदूर शराब पीता है तो वह पुरे दिन काम करता है और जब वह थक जाता है तो शाम को शराब पीता है इसके बदले में जब उसे पुलिस पकड़ती है तो उससे 6,000 रुपया जुर्माना वसूलता है जबकि वह बेचारा खुद दिन भर में 500 रुपया कमाता है.
जितन राम मांझी ने नितीश कुमार को रडार पर लेते हुए कहा की जो गलती आज से १८ साल पहले नितीश कुमार ने साल 2005 में किये थे घर-घर में शराब की दुकानें खुलवा कर अब वही पाप कटा रहे है लेकिन आपको बता दूँ की शराब बनाने में 8 दिनों का लम्बा वक़्त लगता है अभी के समय में आनन-फानन में शराब माफिया लोगों के द्वारा तैयार कर लिया जाता है जिससे लोगों की जान चली जाती है. ये सारी बातें इन दिनों NDA गठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए बताया.