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माँ ने कहा था, बेटा ! चाहे कुछ भी हो जाए कभी हिम्मत मत हारना , आईएएस मुकुंद ठाकुर ने मात्र 22 साल के ही उम्र में माँ का सपना पूरा कर बने आईएएस

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देश के सबसे कठिन परीक्षाओ में से एक संघ लोक सेवा आयोग यानी की UPSC की परीक्षा को पास करना सबसे कठिन माना जाता है. जिसमे कई स्टूडेंट सफल होते है तो कई स्टूडेंट असफल होते है. लेकिन आज हम आपको ऐसे स्टूडेंट के बारे में बताने वाले है जो पहले ही प्रयास में सफल हो गए थे.

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आपको बता दे की आज के इस खबर में हम आपको बताने वाले है की कैसे एक बेटे ने आईएएस बनकर माँ का सपना पूरा कर दिया. जैसा की आप सब जानते ही है की यूपीएससी (Union Public Service Commission) परीक्षा में भारत के कोने-कोने से सम्मानित लोग बैठते है.

अब आप यह भी जान ले की कई अभ्यर्थी तो 5 से 6 बार भी असफल हो जाते है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगती है. लेकिन सबसे खास बात यह है की बिहार के रहने वाले मुकुंद ने जिन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल करके अपने माँ का सपना को पूरा किया है.

सबसे पहले तो आप जान ले की मुकुंद मात्र 22 साल के उम्र में अपनी माँ के सपना को पूरा कर दिए और आईएएस अधिकारी बने. जिसके बाद उन्हें चारो तरफ से बधाई मिलने लगी. इसको देख कर उनके घर वाले का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. बता दे की उन्होंने बचपन की पढ़ाई गांव से ही की थी |

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IAS मुकुंद ठाकुर का बचपन से ही सपना था की वो आर्मी , नेवी या एयरफोर्स में भर्ती होकर देश की सेवा कर सके. लेकिन लगातार प्रयास में फेल हो रहे थे. बाद में मुकुंद ठाकुर को पीआर दे दिया गया. मतलब अब वो कभी आर्मी के लिए अप्लाई नहीं कर सकते थे.

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मुकुंद के माँ की इच्छा थी की मेरा बेटा कोई न कोई सरकारी नौकरी करे. माँ ने ही कहा था की UPSC की तैयार पूरा मन लगा कर करना . मान लो अगर सिलेक्शन नहीं भी हुआ तो कभी अफ़सोस नहीं रहेगा.

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मुकुंद ठाकुर गणतंत्र दिवस पर अपने कार्यलय में तिरंगे को सम्मान देते हुए.

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मुकुंद ने आईएएस की तैयारी के लिए कोई कोचिंग का सहारा नहीं लिया था. उन्होंने साल 2018 में दिन रात पढाई की . पुरे साल एक सेकंड के लिए भी रेस्ट नहीं किया. उन्होंने साल 2019 में पहली बार प्री का एग्जाम दिया था.

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आईएएस मुकुंद का कहना है की वो रोज 12 से 15 घंटे का नियमित पढाई करता था. तब जा कर उन्हें सफलता मिली.

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