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जाने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे कुछ अनसुने कहानी

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राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे इनके पिता महादेव सहाय थे. जो संस्कृत और फारसी भाषा के बहुत बड़े ज्ञानी थे और माता कमलेश्वरी देवी जो एक धार्मिक महिला थी. भाई महेंद्र प्रताप थे. इनका जन्म 3 दिसंबर 1883 को बिहार के जीरादेई गांव में हुआ था. इनका पालन-पोषण गांव में ही हुआ था. बचपन से ही वह शांत स्वभाव के थे इन्हें बचपन से ही किताब पढ़ने का शौक था.

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राजेंद्र प्रसाद को 5 साल की उम्र में ही इनके माता-पिता एक मौलवी के यहां भेजने लगे थे. जिससे वे हिंदी उर्दू फारसी का ज्ञान प्राप्त कर सके. इनकी पढ़ाई गांव से शुरू हुई बाद में अपने भाई के साथ पटना के टीके घोष अकादमी में जाने लगे. पटना की पढ़ाई पूरी करके यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता में प्रवेश के लिए परीक्षा दी और उस परीक्षा में अच्छे नंबर से पास हुए.

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जिसके बाद उन्हें हर महीने ₹30 का स्कॉलरशिप मिलने लगा. अपने गांव से पहली बार कोई कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने की सफलता प्राप्त की थी. जिसके बाद 19 सालों में प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिल लिया. जहां उन्होंने स्नातक किया 1960 में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता से इकोनॉमिक्स में m.a. किया और 1915 में कानून में मास्टर की डिग्री पूरी की. जिसके लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. इसके बाद कानून में डॉक्टर की उपाधि भी प्राप्त की इसके बाद पटना आकर वकालत करने लगे.

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इनकी शादी मात्र 13 वर्ष की आयु में ही राजबंशी देवी से हुई थी. संविधान निर्माण में भीमराव अंबेडकर और राजेंद्र प्रसाद ने मुख्य भूमिका निभाई थी. संविधान पर हस्ताक्षर करके राजेंद्र प्रसाद ने ही इसे मान्यता दी. इनका निधन 28 फरवरी 1963 को हुआ था.

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डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म कहा हुआ था कमेंट में जरुर बताए

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