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पटना मेट्रो अब धीरे-धीरे अपने आकार में आ रहा है. पटना मेट्रो ट्रैक के लिए जमीन के निचे सुरंग बनाई जा रही है. सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन की जरुरत हो रही है. यह मशीन ऐसा मशीन है जो अंडरग्राउंड ट्रैक बिछाने के लिए बड़ी आसानी से सुरंग बना देती है. पटना मेट्रो के लिए टनल बोरिंग मशीन चीन से मंगाई गई है. यह मशीन अक्टूबर के अंत तक पटना पहुच जाएगी.

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Image Credit : Google Image

टनल बोरिंग मशीन एक खास प्रकार की तकनीक से बना है. जो एक जगह जमीन में अन्दर घुसती है और दूर निर्धारित जगह पर टनल बनती हुई निकल जाती है. यह 20 फीट चौड़ाई के गोलाकार सुरंग बनती हुई आगे बढती है. सबसे पहले यह मशीन मोइनुल हक स्टेडियम से मेट्रो टनल बनाना शुरू करेगी और पटना विश्वविद्यालय पर बाहर निकलेगी.

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दुसरे चरण में गाँधी मैदान से पटना विश्वविद्यालय के लिए अंडरग्राउंड सुरंग बनेगा. मोइनुलहक स्टेडियम से सुरंग बनने का शिलान्यास हो चूका है. इस काम को दो साल 8 महीने में पूरा कर लिया जायेगा. जो टीबीएम मोइनुलहक स्टेडियम पर घुसेगी वह मलाही पकड़ी पर बाहर निकल जाएगी.

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एक इंटरचेंज पटना जंक्शन पर बन रहा है. और दूसरा इंटरचेंज खेमनीचक पर बनेगा. पटना जंक्शन वाला इंटरचेंज अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन है. और खेमनीचक वाला इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड है यानि जमीन से ऊपर बनाई जा रही है. कॉरिडोर 1 और कॉरिडोर 2 दोनों मिला कर कुल 32 किमी लम्बी मेट्रो बनेगी.

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पटना मेट्रो का कॉरिडोर एक 17.93 किमी लम्बा है. जिसमे 14 मेट्रो स्टेशन है. इस कॉरिडोर एक के तहत दानापुर से खेमनीचक तक के लिए मेट्रो चलेगी. जिसमे लगभग 7 किमी का एलिवेटेड रूट है और लगभग 10 किमी का जमीन के अन्दर रूट है. इस कॉरिडोर पर अंडरग्राउंड मेट्रो रूकनपुर से पटना जंक्शन तक होगी.

बिहार के पटना मेट्रो का कॉरिडोर 2 कुल 14.57 किमी लम्बा है. इस कॉरिडोर में 12 स्टेशन है . जिसमे  8.08 किमी अंडरग्राउंड और 6.49 किमी जमीन से ऊपर मेट्रो बनेगा. सभी अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए चीन से टनल बोरिंग मशीन मंगाई जा रही है.