बिहार में बन रहे 32 शानदार एनएच, लंबित पड़े मामलों का निपटारा, जानिए एनएच के लिस्ट

किसी भी जगह पर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए वहां के स्थानीय लोगो का साथ होना जरुरी है. नेशनल हाईवे का बिहार में लगभग 45 ऐसी योजनायें है जो भूमि अधिग्रहण के चलते अटकी हुई है. बीते दिन बिहार के मंत्री आलोक मेहता ने काम का जाएजा लेन एक बैठक बुलाई थी. जिसमे लगभग 45 थप पड़ी परियोजनाओं से जुड़े भूमि अधिग्रहण के मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने को दिशा निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है की जहाँ पर हाईवे या सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण में मुश्किल आ रही है वहां इस जिला के भू-अर्जन पदाधिकारी से संपर्क करें.

राज्य में लगभग 45 ऐसे परियोजना है जो थप पड़े हुए है. जिसमे

  • नेशनल हाईवे एनएच – 227ए राम जानकी पथ का गोपालगंज, सारण, सीवान एवं पूर्वी चंपारण में भूमि अधिग्रहण का लम्बे समय से अटका हुआ है.
  • बीरपुर से बीहपुर तक के लिए एनएच-106 का निर्माण भी जमीन अधिग्रहण के मामलें को लेकर बंद पड़ा है.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 31 जो बख्तियारपुर – मोकामा खंड, औंटा-सिमरिया खंड, रजौली-बख्तियारपुर खंड में भी स्थानीय लोगो के द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं कराये जा रहे है.
  • पटना-गया-डोभी एनएच (नेशनल हाईवे)-83 के लिए जहानाबाद जिला, पटना जिला और गया जिला में जमीन के कारण ही काम रुका रहता है.

यें परियोजना भी हैं लंबित.

  • बिहार के गोपालगंज से मीरगंज के लिए हाईवे बनना है और बाइपास- सीवान में बनाया जायेगा, इसमे अभी तक भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाया है.
  • एनएच 527- ये हाईवे दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में बन रहा है लेकिन अभी तक जमीन अधिग्रहण होना बाकि है.
  • मधुबनी में देश भारतमाला पैकेज-1 से 4 तक बिल क्लियर नहीं हुआ है. जिसके कारण काम लंबित है.
  • पटना-आरा-सासाराम एनएच-119ए के अंतर्गत
  • आमस से रामनगर तक एनएच- 119डी के लिए जहानाबाद, पटना, दरभंगा, गया, वैशाली, समस्तीपुर और नालंदा में