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बिहार में क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, जानें वज्रपात से कैसे करें खुद का बचाव

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बिहार में अभी मानसून का सीजन चल रहा है. खास बात यह है की मॉनसून के मौसम में आंधी-बारिश और वज्रपात से कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. इस कुदरती कहर से बिहार में हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. इस वजह से हर किसी के मन में यह सवाल उठता है की आखिर वज्रपात क्यों होता है. क्यों वज्रपात की वजह से इतने लोगों की जान चली जाती है. जानें इस रिपोर्ट में..

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क्या होता है वज्रपात

आपके जानकारी के लिए बता दे की आकाश में मौजूद बादलों के घर्षण से एक बिजली उत्पन्न होती है जिससे नेगटिव चार्ज उत्पन्न होता है. वहीं पृथ्वी में पहले से पॉजिटिव चार्ज मौजूद होता है. ऐसे में धरती और आकाश के दोनों नेगटिव एवं पॉजिटिव चार्ज एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं. जब इन दोनों चार्जों के बीच में कोई कंडक्टर आता है तो इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. लेकिन आसमान में कोई कंडक्टर नहीं होता है तो यही इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज ठनका के रूप में धरती पर गिरती है.

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कहां होता है वज्रपात

जानकारों की माने तो आमतौर पर वज्रपात होने की सबसे अधिक संभावना ऊंचे इलाके जैसे पहाड़ या कोई ऊंचा पेड़ में होती है. इसके साथ ही उन इलाकों में भी वज्रपात की संभावना होती है जहां पानी अधिकांश मात्रा में उपलब्ध हो. पानी बिजली के लिए एक कंडक्टर के रूप में काम करती है इसलिए पानी के स्त्रोत के आस पास वज्रपात होने का खतरा अधिक होता है.

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