बिहार के लोगो को अब रोजगार की तलास में बिहार से बाहर जाने की जरूरत नही पड़ेगी. बता दे की कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के नये अवसर पैदा किये जा रहे हैं. केले-आलू के चिप्स व मक्का आधारित स्नैक्स और मसालों का प्रसंस्करण करने के लिए बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत चार परियोजनाओं की स्वीकृति दी गयी है. कृषि सचिव डाॅ एन सरवण कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन में आयोजित बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति की परियोजना अनुश्रवण समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. 21.33 करोड़ की इन परियोजनाओं को 1.51 करोड़ की कुल अनुदान राशि दी जायेगी.
हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा
बताया जा रहा है की इनसे पटना, भोजपुर, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और वैशाली क्षेत्र में लगभग 300 लोगों को प्रत्यक्ष तथा हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. योजना के तहत कृषि विभाग सात फसलों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर बिहार में कृषि प्रसंस्करण में निवेश को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. उद्यान निदेशालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है. मखाना, शहद, मक्का, फल और सब्जियां, बीज, चाय, औषधीय और सुगंधित पौधों के प्रसंस्करण, भंडारण, मूल्यवर्धन और निर्यात को बढ़ा रहा है.
यह है योजना का स्वरूप
आपको बता दे की बिहार सरकार ने विभिन्न फसलों के उत्पादन और प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने, फिजूलखर्जी को रोकने , मूल्यवर्धन में बढ़ोत्तरी के साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सितंबर, 2020 में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना को लागू किया था. यह नीति बिहार में किसान उत्पादक कंपनियों सहित कृषि प्रसंस्करण निवेशकों को प्रोत्साहित करती है. पात्र व्यक्तिगत इकाइयों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत और एफपीसी को परियोजना लागत (न्यूनतम 25 लाख एवं अधिकतम पांच करोड़ रुपये) का 25 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है.