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बिहारी बाबू को सलाम, इंजीनियर से बना IPS, मेहनत के दम पर फिर बने DM साहेब

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मनीष कुमार ने साल 2017 की यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया था

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यह उनका दूसरा प्रयास था जिसे उन्होंने 61वीं रैंक के साथ पास किया

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इसके पहले साल 2016 के प्रयास में मनीष बहुत कम मार्जिन से प्री में सेलेक्ट होने से रह गए थे और उस साल कट-ऑफ भी तुलनात्मक हाई गया था

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दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में मनीष बता रहे हैं कि कैसे वर्किंग प्रोफेशनल्स नौकरी के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं

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जिस साल मनीष का यूपीएससी में सेलेक्शन हुआ था, उसी साल उन्होंने आरबीआई की परीक्षा में भी 49वीं रैंक पाई थी

इस साल उनके बैक टू बैक तीन पेपर थे, तीसरा पेपर था सीएफए लेवल थ्री का और मनीष ने तीनों पेपर दिए

उन्होंने कभी समय को लेकर शिकायत नहीं की न ही अपनी स्थितियों का रोना रोया

ऐडेड मोटीवेशन है जरूरी –इस बारे में बात शुरू करने से पहले मनीष उन लोगों को सैल्यूट कहना चाहते हैं जो नौकरी के साथ यह परीक्षा पास करने की योजना बनाते हैं क्योंकि मुश्किल तो होता है पर आपने यह फैसला लिया यानी आप में कुछ खास है

ऐसे में आपके लिए सबसे पहला लेसन यह है कि समय नहीं है, समय नहीं है का गाना गाने के बजाय जो समय है उसका दुरुपयोग करने से बचें

चूंकि आप पहले से एक नौकरी में है इसलिए आपके पास यूपीएससी या किसी भी दूसरी परीक्षा की तैयारी करने के पीछे ऐडेड मोटीवेशन होना चाहिए

बिना इसके आप इस सफर में प्रेरित नहीं रहेंगे. लोग आपसे पूछेंगे कि एक नौकरी में होने के बावजूद आप ये सिरदर्द क्यों ले रहे हैं तो आपके पास कारण होना चाहिए उनको गलत साबित करने का

एक बात का और ध्यान रखें कि कभी भी अपनी पुरानी नौकरी की आलोचना किसी से न करें. नये इंप्लॉयर से तो बिलकुल नहीं

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