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बिहार के इस जिले में होगी ताइवानी पपीते की खेती: 12000 हेक्टेयर में लगेंगे ‘रेड लेडी’ पपीता

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तेजी से बदल रही तकनीक के साथ हर किसी को खुद को बदलना जरूरी है। अगर तकनीक के साथ आगे नहीं बढेंगे तो पिछड़ जाएंगे। एक आम किसान (Farmer) भी थोड़ी बहुत खेती से अच्छी खासी कमाई (Farmers Income) कर सकता है. बता दे की बिहार के शिवहर में ताइवान की उन्नत प्रजाति ‘रेड लेडी’ पपीता की खेती होगी। बिहार सरकार किसानों को अनुदान पर पौधे देगी। शिवहर के किसान इसकी खेती कर मालामाल होंगे।

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जानकारों की माने तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं। इसमें भी शर्त रखी गई है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पौधे मिलेंगे। उद्यान विभाग द्वारा बताया गया की शिवहर में इस बार 12हजार हेक्टेयर में पपीता की उन्नत खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसकी खेती की बारीकियां सिखाने के लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। पौधा लगाने से लेकर उत्पादन तक की मॉनिटरिंग होगी।

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आपको बता दे की सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी (वैशाली) में तैयार एक पौधे की कीमत 20 रुपए है। विभाग किसानों को 75 फीसदी अनुदान के बाद 6.50 रुपए प्रति पौधे देगा। एक हेक्टेयर में 3085 पौधे की जरूरत पड़ती है। इस पपीते का खासियत यह कि पपीते की इस पपीते में नर और मादा एक ही पौधे में है। अन्य किस्मों में नर और मादा पौधे अलग-अलग होते हैं। इससे फल न लगने की शिकायतें अक्सर मिलती हैं। एक हेक्टेयर करीब 600 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है। एक पौधे से एक बार में करीब 35 से 50 केजी पपीता मिल सकेगा।

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चार माह के भीतर फलना शुरू हो जाता : बताया जा रहा है की इस पपीता की खासियत यह है कि चार माह के भीतर फलना शुरू हो जाता और छह माह में फल आ जाएगा। इसके पौधे जल्दी गलन नहीं आती है और सभी फल का आकार लगभग एक समान होता है। किसान को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विभाग के द्वारा वेबसाइट भी जारी किया गया है। horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते है। इसके लिए आपको एलपीसी या जमीन का ताजा रसीद, पहचान पत्र या आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज की फोटो और बैंक पासबुक की फोटो कॉपी तथा किसान निबंधन संख्या ज़रूरी है।

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