स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने हेतु भारत सरकार द्वारा एक अभिनव और नई पहल है. खास बात यह है की पटना समेत स्मार्ट सिटी की रेस में चुने गए बिहार के चार शहरों की तस्वीर बदलने में आईआईटी पटना के विशेषज्ञ इंजीनियर मदद करेंगे। हाल में आईआईटी पटना को यह जिम्मेदारी मिली है। स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट के मूल्यांकन से लेकर निर्माण की गुणवत्ता आईआईटी के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम देखेगी। पटना, भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया गया है।
आपको बता दे की अभी कुछ दिन पहले ही इन चारों शहरों के लिए थर्ड पार्टी एसेसमेंट का जिम्मा आईआईटी पटना को मिला है। एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है। बताते चले की बिहार को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कुछ महीने पहले अतिरिक्त समय मिला है। केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए निर्धारित स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना को दो साल का विस्तार दे दिया है। इसका सबसे अधिक फायदा भागलपुर को मिला है।
बताया जा रहा है की बिहार में इन परियोनाओ पर विशेषज्ञों की टीम अब तय समय में काम पूरा करने में लगी है। भागलपुर स्मार्ट सिटी के लिए वर्ष 2016 में चुना जाने वाला बिहार का पहला शहर था। पांच साल पूरा होने के कारण इसका कार्यकाल पिछले साल ही पूरा हो गया, मगर अब प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दो साल का अतिरिक्त समय अफसरों को मिल गया है। भागलपुर में स्मार्ट सिटी के तहत एक भी बड़ा प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। करीब 2240 करोड़ के 23 प्रोजेक्ट का टेंडर जरूर जारी है।
बिहारशरीफ का चयन 2018 में किया गया था : जानकारों की माने तो बिहारशरीफ का चयन स्मार्ट सिटी में सबसे अंत में वर्ष 2018 में हुआ था। यहां काम सबसे तेज गति से चल रहा है। यहां 552 करोड़ के 28 प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ है, जबकि 1520 करोड़ के 47 प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया गया है। जिसपर काम तय समय में पूरा होने की उम्मीद है।