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बिहार के इस जिले में चाय की खेती कर किसान कमा रहे हैं लाखों, जानिए कैसे?

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बिहार के लोगों के लिए यह बहुत ही खुशी की खबर है. बता दे की बिहार में चाय की खेती का विस्तार किया जा रहा है। किशनगंज में चाय की खेती हो रही थी। अब इसका दायरा कटिहार, पूर्णिया व अररिया में बढ़ाया जा रहा है। वही पहली बार 90 हेक्टेयर में चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने योजना बनाई है। पटना, भागलपुर सहित 12 जिलों में 150 हेक्टेयर में यहां के मौसम के अनुकूल ओडिसी 3 वेराइटी की सहजन की खेती कराई जाएगी।

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आपको बता दे की पारंपरिक खेती से अलग चाय, सहजन, रजनीगंधा, मगही पान और प्याज आदि की खेती किसानों की आय बढ़ाने में कारगर होगा। खबरों की माने तो इसकी खेती के लिए किसानों से आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी से बढ़ाकर 22 जनवरी तक कर दी गई है। ऑनलाइन आवेदन horticulture.bihar.gov.in पर किया जा सकता है। योजना के तहत इन फसलों की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा।

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पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा और सारण में प्याज की खेती के लिए अनुदान : मीडिया रिपोर्ट की माने तो 90 हेक्टेयर में किशनगंज में 75 हेक्टेयर और अन्य तीन जिलों कटिहार, अररिया और पूर्णिया में 5-5 हेक्टेयर में चाय की खेती कराने का लक्ष्य है। चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 4.94 लाख रुपए है। इसमें किसान को 50% यानी 2.47 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दो किस्तों में मिलेगा। किशनगंज की सफलता ने इसके विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया है।

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