बिहार में इन दिनों विकास की बयार चल रही है. नेशनल हाईवे, एलिवेटेड रोड, एक्सप्रेस वे के बाद अब बिहार के 6 जिलों में रिंग रोड बनाने (Ring Road Construction) की योजना है. बिहार सरकार ने इस बाबत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के समक्ष प्रस्ताव रखा, जिसपर केंद्र ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है. ट्रैफिक लोड के हिसाब से रिंग रोड बनाया जाएगा, ताकि शहर को जाममुक्त रखा जा सके. सभी 6 जिलों (6 Districts) में प्रस्तावित रिंग का निर्माण साल 2023 में शुरू होने की संभावना है. रिंग रोड के निर्माण से एक ओर जहां संबंधित शहरों के लोगों को सहूलियत होगी, वहीं जिल मुख्यालय से जाने वाले भी इसका इस्तेमाल कर शहर में प्रवेश किए बगैर यात्रा कर सकेंगे.
आपको बता दे की बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल में ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के उच्चाधिकारियों संग बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने बिहार की राजधानी पटना के अलावा बिहार के 5 अन्य जिलों में रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव रखा था. केंद्र ने बिहार सरकार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर अपनी मंजूरी दे दी है. अब बिहार पथ निर्माण विभाग 5 शहरों का चयन करने में जुटी है, जहां रिंग रोड का निर्माण किया जा सके. शहरों के चयन में ट्रैफिक लोड, दो ऐतिहासिक स्थलों के बीच आने-जाने की सुविधा है या नहीं और पर्यटन के लिहाज से शहर का महत्व आदि का खास ख्याल रखा जाएगा. शहरों का चयन होने के बाद उसकी सूची सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजी जाएगी. मंत्रालय से अप्रूवल मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और डीपीआर तैयार किया जाएगा.
रिंग रोड निर्माण के लिहाज से 6 संभावित जिले : बिहार सरकार ने 6 जिलों में रिंग रोड बनाने की योजना बनाई है. फिलहाल पटना छोड़कर अन्य जिलों की पहचान नहीं की गई है. रिंग रोड बनाने के मानकों को ध्यान में रखते हुए इन शहरों में रिंग रोड बनाई जा सकती है -:
- – पटना (बिहार की राजधानी में 137 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण हो रहा है.)
- – गया
- – मुजफ्फरपुर
- – भागलपुर
- – दरभंगा
- – छपरा