बिहार में आज से नहीं बल्कि लम्बे दशको से यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों की कमी है | कितने बच्चो के पढाई यूनिवर्सिटी में बिना प्रोफ़ेसर के ही खत्म हो गए | लेकिन अभी तक खत्म नही हुआ बिहार ने यूनिवर्सिटी में शिक्षको के नियुक्तियो का इंतज़ार आप बिहार के किसी भी कोना के यूनिवर्सिटी से घूम कर पता कीजिये वहां के बच्चो सिर्फ और सिर्फ यही बताएगी की यूनिवर्सिटी में शिक्षको की कमी है |
बिहार के बड़े यूनिवर्सिटी में से एक यूनिवर्सिटी बिहार के राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी से लेकर तिलकामांझी हो या भागलपुर के यूनिवर्सिटी हो इन सबी यूनिवर्सिटी में शिक्षको की बहाली बहुत लम्बे समय से नहीं किया गया है | बता दे की बिहार के राजधनी में स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की स्थापना लगभग 2019 में हुआ था लेकिन बताया जा रहा अहि की वहां अभी कई ऐसे डिपार्टमेंट है जिसमे शिक्षक ही नहीं हैं |
जानकारी के अनुसार पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में करीब 3 लाख छात्र पढ़ाई करते हैं. इनके मुताबिक, ‘हमारे यहां 28 विषयों में 1 हजार 256 आवंटित अस्टिटेंट प्रोफेसर्स के पद हैं. फरवरी-मार्च 2021 तक 794 शिक्षक ही काम कर रहे हैं. 462 पद खाली हैं.’
बिहार के दूसरे जिलों में काम कर रही यूनिवर्सिटी और यहां खाली पड़े अस्सिटेंट प्रोफेसरों के पद पर-
विश्वविद्यालयों के नाम खाली पड़े पद
- पटना विश्वविद्यालय, पटना- 274
- पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय,पटना- 462
- भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर- 603
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा- 856
- जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा- 319
- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय- 377
- वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा- 428
- तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर- 284
- पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया- 213
- मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर- 245
- मगध विश्वविद्यालय, गया- 3