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शादी होते ही कुछ महीनों बाद हो गए थे जुदा फिर 72 साल बाद मिले तो ऐसी रही पहली मुलाकात

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अगर किसी की शादी हो और उसे फिर चाँद महीनो बाद जुदा होना पड़े और फिर 72 सालो के बाद मुलाकात हो तो इसे आप कुदरत का करिश्मा समझ सकते हो ऐसा आप अक्सर किसी दिलम में देखते होंगे लेकिन ये घटना रियल में सच हो गयी | शादी एक ऐसा बंधन है जिसमे दोनों एक दुसरे से कितने भी अलग हो जाए लेकिन ये दिलो का अनोखा रिश्ता कभी ख़तम नहीं होता |

बात आज की नहीं है ये बात उस समय की है जब हमलोगों पर अंग्रेजो क शाशन हुआ करता था | और देश आजादी के लिए पुरे चरम पर पंहुच चुकी थी पुरे देश के अन्दर किसान आन्दोलन जोर शोर से चल रही थी | उस समय नारायण और शारदा नाम की दो प्रेमी जोड़ो की शादी हुई और कुछ ही दिनों के बाद दोनों जुदा हो गए जुदा होने का कारण जानकारी के अनुसार बताया जा रही है की शारदा के पति नारायण एक सच्चे देशभक्त थे और वो देश के हर एक आन्दोलन में बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते थे | अपने देश को अंग्रेज से मुक्त करने के लिए और आजादी दिलाने के लिए |

दोनों के जुदा हुए कफिसमय हो गया था लेकिन अभी तक कोई खब्बर नही आ रही थी लोगो का कहना था की शायद इन दोनों के किश्मत में मिलना मंजूर नहीं था | इसीलिए दोनों की जोड़ी जल्द ही टूटती दिख रही है लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था | शायद उनके जीवन में आश्क्मिक मिलन भी लिखा था |

बहुत समय गुज़र गया पर नम्बीआर की कोई खबर नहीं आई। कुछ वर्षो बाद खबर मिली की कन्नूर से पकड़े गाए विद्रोहियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई हैं। ये एक एसा अलगाव था जो किसी तरह के मन मुटाव या लड़ाई झगड़े के कारण नहीं बल्कि किस्मत के कारण हुआ था। शायद शारदा औरत नम्बिआर की किस्मत में अलग होना ही लिखा था। पर जहाँ एक और उनकी किस्मत में अनचाहा अलगाव लिखा था, उसी तरह उनकी किस्मत में वर्षो के बाद आकस्मिक मिलाव भी लिखा था।

बात इतना तक पंहुच गयी थी की शारदा ने अपनी दूसरी शादी कर ली थी और उसके पति नारायण ने भी अपनी शादी किसी और के साथ कर ली थी | लेकिन किश्मत में लिखा था मिलन जो आख़िरकार नारायण के भतीजे ने करवाया अपने चाचा और अपनी चची को फोटो में जिस प्रकार से शारदा के सर पर नारायण हाथ रखे हुए है इसमें साफ- साफ़ झलक रही है इस अधूरे रिश्ते का पूरा प्यार

साथ और अलगाव ये सब तो उपरवाले और उसके द्वारा लिखी हमारी किस्मत पर निर्भर है, पर यह भी सत्य है, कितनी भी समस्याओं के बाद जिन्हें मिलना होता है, वे किसी भी तरह मिल ही जाते है। शारदा और नारायणन नम्बीआर की कहानी एक ऐसे रिश्ते की कहानी है, जो अधुरा होकर भी पूरा है और इतना पुराना होकर भी उसमें नवीनता है। ये सुन्दर जोड़ा एक बार मिल लिया, फिर मिले या ना मिले क्या पता। पर इनका ये आपसी सम्बन्ध सदैव इनके दिलों में जीवित रहेगा।

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