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किसान की बेटी बनी पायलट, पिता ने जमीन बेचकर पूरा किया सपना

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ओलपाड़ क्षेत्र के एक किसान परिवार की बेटी मैत्री पटेल ने अमरीका में प्रशिक्षण हासिल कर भारत के सबसे कम उम्र की महिला कोमर्शियल पायलट बनने का गौरव हासिल किया हैं। मंगलवार को मैत्री के सूरत लौटने पर मित्रों परिचितों ने उसका स्वागत किया गया।

मैत्री ने बताया कि जब सूरत से दिल्ली के लिए विमान सेवा शुरु हुई थी तो वह पहली बार प्लेन में सवार हुई थी। उस दौरान पिता ने उनसे पायलट बनने की बात कही थी तभी से वह पायलट बनना चाहती थी। सूरत के निजी स्कूल में बारहवीं की पढाई के दौरान ही उसने मुंबई में प्रशिक्षण शुरू कर दिया था।

स्कूल खत्म होने के बाद वह प्रशिक्षण के लिए अमरीका गई। आमतौर पर 18 महीनों का प्रशिक्षण होता हैं जरूरत महसूस होने पर इसे छह माह तक और बढ़ाया जा सकता हैं। लेकिन उसने 11 महीनों में ही सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया और लाइसेंस हासिल किया। भारत में कोमर्शियल विमान उड़ाने के लिए उसे यहां फिर से प्रशिक्षण लेकर भारतीय लाइसेंस लेना होगा।

मैत्री ने कहा कि भविष्य में वह कैप्टन बनना चाहती है और जंबो जैट विमान उड़ाना चाहती हैं। ओलपाड़ क्षेत्र शेरड़ी गांव के मूल निवासी और शहर के घोड़दौड़ रोड इलाके में रहने वाले मैत्री के पिता कांतीभाई पटेल किसान हैं। वहीं उसकी माता सूरत महानगर पालिका में कार्यरत हैं।

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