apanabihar 3 35

मेहनत ये शब्द सुनने में सरल लगता है परन्तु असल में यह इतना आसान नहीं है। बिना मेहनत के कुछ भी नहीं होता रोटी कमाने में मेहनत लगती है फिर उसे बनाने में मेहनत लगती है इसी को सिद्ध कर दिखाया है बिहार (bihar) के जमुई (jamui) जिले के गिद्धौर प्रखंड के गंगरा गांव का प्रवीण सिंह ने अपने इसी जज्बे की बदौलत दशकों से बंजर पड़े जमीन को हरियाली में बदल दिया. बंजर खेत को उपजाऊ बनाया और फिर अमरूद के सैकड़ों पेड़ लगाकर लाखों की कमाई के साथ ही  पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी कर रहा है.

प्रवीण का मेहनत रंग लाया और आज दशकों से बंजर पड़ा जमीन इलाहाबादी अमरूद (guava) के लिए मशहूर होने लगा है. आपको बता दे की बंजर जमीन पर कड़ी मेहनत से प्रवीण द्वारा लगाए गए बगीचे का अमरूद (guava) वहां जाकर लोग खरीद लेते हैं. दूसरे राज्य से लौटकर अपनी मिट्टी पर की गई मेहनत रंग लाई और इलाके के लिए एक आदर्श बन चुका प्रवीण की चर्चा हर तरफ हो रही है.

गंगरा गांव का रहने वाला प्रवीण बचपन से ही दूसरे शहरों में रहकर मजदूरी करते रहा है. फिर बाद में वह कश्मीर में सेना के जवानों के लिए कपड़े का सप्लाई कर का काम करता था. 5 साल पहले उसे अपनी गांव की मिट्टी की याद आ गई और वह फिर घर लौट गया.  घर आने के बाद उसने जिद ठान ली की जो खेत बंजर पड़ा हुआ है उसमें वह हरियाली लाएगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की दशकों पहले जिस खेत पर गन्ने की खेती होती थी फिर जब चीनी मिल बंद हुए हैं और गन्ना की खेती बंद हो गई तब से वह खेत खाली पड़ा था, जहां गांव के कई और लोगों की भी जमीन है. लेकिन किसी ने वहां किसी फसल को लगाने का प्रयास नहीं किया. वहां प्रवीण ने मेहनत और लगन के बल पर 12 बीघा बंजर जमीन पर हरियाली ला दी और अमरुद के सैकड़ों पेड़ लगा डाले.

अब बीते 1 साल से प्रवीण साल में दो बार अमरूद का फल बेचकर लाखों रुपए कमा रहा है. बंजर जमीन पर सैकड़ों पेड़ लगाकर इस शख्स ने बता दिया कि जब इच्छा शक्ति मजबूत हो तो मेहनत के बल पर कुछ भी हासिल हो सकता है. प्रवीण का कहना है कि जब वह बंजर जमीन पर खेती करने की शुरुआत की थी तो गांव के लोग उसे मानसिक बीमार कहते थे, लेकिन आज वहां के अमरुद के फल के अलावा हमने जो सब्जी लगाई है उसे देखकर लोग हैरान हैं.

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.