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भारत के प्रधानमंत्री, खेल मंत्री से लेकर प्रियंका गांधी और सचिन तेंदुलकर तक हरलीन के कैच की प्रशंसा कर चुके हैं. सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए इसे साल का सबसे बेहतरीन कैच बताया.

हालांकि भारतीय टीम ये मुक़ाबला हार गयी थी लेकिन मैच के नतीजे से ज़्यादा चर्चा हरलीन की रही. इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड को भी हरलीन की प्रशंसा करनी पड़ी.

खेल के मैदान में ऐसा कम ही देखने को मिलता है. नौ जुलाई को हरलीन देओल ने जो कमाल किया वह आप ऊपर के वीडियो में देख चुके होंगे. उन्होंने बाउंड्री पर एक बेहतरीन कैच लपका और उसके बाद उन्हें अंदाज़ा हुआ कि उनका पांव बाउंड्री के पार जा सकता है, इसे समझते हुए उन्होंने तुरंत गेंद को मैदान के अंदर उछाल दिया और बाउंड्री के पार से फिर अंदर आकर कैच लपक लिया.

भारत ये मैच भले हार गया हो लेकिन 23 साल की हरलीन का ये कैच सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उन्होंने ये कैच मैच के 19वें ओवर में शिखा पांडेय की गेंद पर एमी जोंस का लपका था.

कौन हैं हरलीन देओल

हरलीन देओल का परिवार मूल रूप से पटियाला ज़िले का है, जबकि ननिहाल संगरूर ज़िले में है. लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में हरलीन हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, उनके माता-पिता अभी मोहाली में रहते हैं.

हरलीन के पिता बीएस देओल एक कारोबारी हैं और मां चरणजीत कौर देओल पंजाब सरकार की कर्मचारी हैं.

हरलीन की मां चरणजीत कौर ने बीबीसी पंजाबी से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी की दिलचस्पी बचपन से खेलकूद में थी, कठिन मेहनत और जुनून से वह यहां तक पहुंची हैं.

चरणजीत कौर के मुताबिक उनके परिवार में किसी की दिलचस्पी खेलकूद में नहीं थी लेकिन हरलीन बचपन से ही स्पोर्ट्स से जुड़ गई थीं. हरलीन के घर का नाम हैरी है और वह बचपन में क्रिकेट नहीं बल्कि फुटबॉल खेला करती थीं. उनकी मां ने बताया कि वह चार साल की उम्र से ही लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने लगी थीं.

इतना ही नहीं यादविंद्र पब्लिक स्कूल, मोहाली में वह चार साल तक फुटबॉल की बेस्ट खिलाड़ी चुनी जाती रहीं.

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