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रसूलपुर की बेटी काजल सिपाही से बनी सहायक जेल अधीक्षक तो नवादा की ज्योति बनी दरोगा

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रसूलपुर/एकमा – गांव – गांव घुम अनाज खरीदारी कर कठिन परिश्रम से व्यावसाय के माध्यम से परिवार चलाने वाले रसूलपुर गांव के व्यावसायी की बेटी काजल तीन साल पहले पुलिस कांस्टेबल बनी और फिर अपनी प्रतिभा के बल पर सहायक जेल अधीक्षक बन जिला सहित अपने प्रखंड एकमा व गांव रसूलपुर का नाम रौशन किया है।रसूलपुर की इस बिटिया की सफलता पर पुरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।समाजसेवी व आलू व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद ने कहा कि रसूलपुर की इस बेटी ने पुरे गांव को गौरवान्वित किया है इसलिए उसे सम्मानित करने के लिए पुरी तैयारी की जा रही है।

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लघु व्यवसायी ललन साह व वार्डसदस्या देवकुमारी देवी की पुत्री कुमारी काजल ने बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत रहते हुए सहायक जेल अधीक्षक की परीक्षा में उत्तीर्णता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ गुरुजन सुरेेंद्र मांझी व संतोष पांंडे को दिया है। अभाव में पुलिस कांस्टेबल से सहायक जेल अधीक्षक पद तक का सफर करने वाली कुमारी काजल ने रामनंदन उच्च विद्यालय, योगियां से मैट्रिक, एस टी डी कालेज, घुरापाली से इंटरमीडिएट तथा राजेंद्र कालेज छपरा से भौतिकी विषय से स्नातक किया है।उधर गांव में ही रहकर नवादा उच्चतर विद्यालय से मैट्रिक और जेपीयू से गणित से स्नातक कर ग्रामीण दम्पति दिलीप सिंह व संध्या सिंह की पुत्री ज्योति के दरोगा बनने पर गांव में खुशी की लहर है।

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संध्या ने गांव में ही रहकर सीमित संसाधनों के बीच सेल्फ स्टडी कर दरोगा पद के मुकाम को हासिल किया है।समाजसेवी पंकज सिंह ने कहा कि गांव की बेटी की इस सफलता पर पुरे गांव में खुशी की लहर है लोग घर जा कर बधाईयाँ दे रहे हैं।ज्योति गांव में रहकर आर्थिक विपन्नता के बीच सफलता अर्जित कर गांव की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है।

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