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हमारा वर्तमान हमारा भविष्य तय करता है। हम अपनी कड़ी मेहनत से नामुमकिन दिखने वाले कार्यों को भी मुमकिन कर सकते हैं। आज की हमारी कहानी एक ऐसे ही व्यक्ति की हैं जिनका जन्म बहुत हीं गरीब परिवार में हुआ था, जो दो वक़्त की रोटी चलाने के लिए सक्षम नहीं था। उस परिवार में IPS बनकर इन्होने अपनी तथा अपने परिवार की किस्मत बदल दी।

प्रेम सुख डेलू (Prem Sukh Delu)

3 अप्रेल 1988 को प्रेम सुख डेलू का जन्म राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर जिले के रासीसर के एक बहुत हीं साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता किसान थे, परंतु उनके पास उतना जमीन भी नहीं थी कि वह खेती कर सकें, इसलिए वह ऊंटगाड़ी चलाते थे। पिता की मदद के लिए प्रेम भी बकरी आदि मवेशी चाराने का काम करते थे। उनके परिवार में कोई स्कूल तक भी नहीं गया था, प्रेम ने इस रित को तोड़ा और आगे बढ़े। उन्होंने बचपन में ही तय कर लिया था कि शिक्षा के जरिए वह इस गरीबी से बाहर निकल सकते हैं।

प्रेम का बचपन संघर्ष से भरा था

प्रेम अपने स्कूली समय की बात बताते हुए कहते हैं कि जब वह आठवीं क्लास में थें, उनके पास पैंट भी नहीं था जिसे पहन वह स्कूल जा सकें। आठवीं क्लास तक निक्कर पहनकर स्कूल जाते थे। घर के काम के बीच जब भी उन्हें समय मिलता वह उस समय का प्रयोग पढ़ाई के लिए करते थे। दसवीं तक की पढ़ाई उन्होंने अपने गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की। गांव में निकली पटवारी की वैकेंसी से उन्हें नौकरी मिल गई। इस नौकरी के जरिए उनके परिवार को गरीबी से राहत मिली। उन्होंने अपने कदम यही नहीं रोकें बल्कि और भी आगे बढ़ने की कोशिश की।

प्रेम ने अपने जीवन में बहुत सी परीक्षाएं दी

प्रेम ने कभी कोई बड़ा सपना नहीं देखा, वह अपने हालात के हिसाब से धीरे धीरे आगे बढ़ते रहे। वह जो भी परीक्षा देते उसमें सफल होते गए। उस समय प्रेम बस इतना ही चाहते थे कि उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल जाए ताकि वह अपने परिवार की समस्या दूर कर सकें। प्रेम ने नौकरी के साथ ही मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद वह सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गए।

उन्होंने बहुत से प्रतियोगिता परीक्षा दिये जिसमें से राजस्थान (Rajasthan) में ग्राम सेवक के पद हेतु निकली परीक्षा में दूसरा रैंक प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट जेलर के पद हेतु परीक्षा दी। इसमें वह पूरे राजस्थान में पहले स्थान पर रहे। वह जब तक जेलर की पोस्ट ज्वाइन करते तब तक उनकी सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा का परिणाम आया और वह इस परीक्षा को भी क्लियर कर लिए थे।

प्रेम ने 12 सरकारी नौकरी प्राप्त की

प्रेम बीएड तथा नेट का एग्जाम भी दिए और फिर कॉलेज में लेक्चरर भी बन गए। 12 सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले प्रेम अब सिविल सेवा में जाना चाहते थे। अब वह एक अच्छा पद प्राप्त करना चाहते थे। उन्होंने कॉलेज में लेक्चरर के काम के साथ ही अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा। उसी बीच उन्होंने तहसीलदार का परीक्षा भी दिया और वह उसमे भी सफल रहे, उसी पद पर रहते हुए प्रेम ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की। उन्होंने मात्र एक महिना कानून और नैतिकता के विषय के लिए कोचिंग किया। उसके बाद वह नौकरी के साथ यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी खुद करने लगे।

प्रेम ने 170 वां रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा की पास

प्रेम ने 170 वां रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की और हिंदी माध्यम के साथ सफल उम्मीदवार में तीसरे स्थान पर रहे। कपड़ों से किसी की पहचान नहीं होती, इस बात को सच कर दिखायाय प्रेम ने। यूपीएससी का इंटरव्यू देना लाखों लोगों का सपना होता है, जहां फॉर्मल जाना होता है तो वही प्रेम इस इंटरव्यू में साधारण कपड़ों में गए। उनके कपड़ों की वजह से इंटरव्यू में उनसे उनके प्रदेश के बारे में सवाल पूछे गए और प्रेम ने हर जवाब पूरे आत्मविश्वास से दिया।

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