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ऑटो चलाने और गेंहू ढोने का काम कर रहा था पूर्व बॉक्सिंग चैंपियन, मदद के लिए आये आनंद महिंद्रा

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एक खिलाड़ी की सबसे बड़ी हार मैदान या रिंग में नहीं होती. उसकी हार तब होती है जब उसका भरोसा खेल से उठ जाता है. जब वो खेलना छोड़ देता है.

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कभी देश के लिए बॉक्सिंग में पदक लेकर आने वाले आबिद खान बॉक्सिंग छोड़ कर ऑटो चला रहे हैं. उनकी 17 मिनट की वीडियो स्पोर्ट्स गांव नाम के एक यूट्यूब चैनल ने शेयर की और उसके बाद से लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं.

आबिद खान पंजाब यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स का प्रतिनिधत्व कर चुके हैं. उन्होंने पांच साल तक आर्मी की बॉक्सिंग टीम को भी ट्रेन कर दिया. लेकिन, इस बाद कई आर्थिक और पारिवारिक कारणों से आगे कंटिन्यू नहीं कर पाए और घर चलाने के लिए ऑटो चलाने, गेंहू के कट्टे उठाने का काम करते हैं.

नेशनल लेवल बॉक्सर होने के बावजूद, उन्होंने अपने दोनों बेटों को स्पोर्ट्स का हिस्सा नहीं बनने दिया. अच्छी बात ये है कि उनकी ये वीडियो इतनी शेयर की गई कि इस पर आनंद महिंद्रा की नज़र पड़ी और उन्होंने आबिद की मदद करने की बात कही.

ये वीडियो शेयर करते हुए महिंद्रा ने ट्वीट किया, “मुझे ये बात बहुत पसंद आई कि वो किसी मदद की उम्मीद नहीं कर रहे. मुझे परोपकार से ज़्यादा लोगों के टैलेंट और उनके पैशन में इन्वेस्ट करना पसंद है. कृपया बताएं कि इनके लिए एक स्टार्टअप बॉक्सिंग अकादमी कैसे शुरू की जा सकती है.

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