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हर व्यक्ति अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है। उसके लिए दिन-रात मेहनत करता है। कुछ ऐसी हीं कहानी है कृष्ण नाग (Krishn Nag) की। वह अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए गाड़ी तो चलाते थे लेकिन कृष्ण को शुरू से हीं खेत-खलिहान और पेड़-पौधों से बेहद लगाव था। वह गाड़ी चलाते हुए हमेशा खेती-बाड़ी के बारे में हीं सोचा करते थे। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा प्रस्तुत मन की बात को सुनकर उन्होंने खेती शुरू की और जल्द हीं एक बड़े किसान बन गए।

Farming Krishn Nag

गाड़ी चलाना छोड़ शुरू किए ऑर्गेनिक खेती

कृष्ण नाग ओडिशा (Odisha) के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। एक समय में कालाहांडी भूखमरी के लिए जाना जाता था, परंतु अब समय बदल गया है। अब कालाहांडी में बड़े पैमाने पर खेती हो रही है। कृष्ण ने खेती करने का फैसला किया और अपने 0.25 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर 50 आम के पेड़ लगा दिए। इस खेती को करने के लिए कृष्ण ने ऑर्गेनिक फार्मिंग का तरीका अपनाया क्योंकि अभी ज्यादातर लोग इसमें रुचि ले रहे हैं और यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी उत्तम है।

आम के साथ-साथ टमाटर और मिर्ची की खेती

आम की बागवानी कुछ इस प्रकार की जाती है कि इसमें दो पेड़ों के बीच इतनी जगह अवश्य होती है कि उसमे अन्य फसल की खेती भी की जा सकती है। कृष्ण ने उन दो पेड़ों के बीच की जगह में टमाटर और मिर्ची के बीज लगाए। साथ हीं बागवानी के चारों ओर मेढ़ पर नारियल के पौधे भी लगा दिए। कृष्ण बताते हैं कि आम के पेड़ को फलने में समय लगता है, तब तक के खर्च के लिए उन्होंने यह विकल्प ढूंढा। कृष्ण के इस रणनीति से उन्हें खूब लाभ हुआ।

Farming Krishn Nag

सालाना कर रहे हैं 18 लाख की आमदनी

अब कृष्ण आम से ज्यादा मिर्च और सब्जी की खेती पर ध्यान दे रहे हैं। मिर्ची की खेती से पहले हीं सीजन में उन्हें 2.6 लाख रुपये की कमाई हुई। अच्छी कमाई होने से कृष्ण ने खेती लायक जमीन खरीदनी शुरू कर दी। आज उनके पास कुल 11 एकड़ खेत है, जिसमें वह फल, सब्जी, पशुपालन, मछलीपालन आदि का काम करते हैं। अब उनकी सालाना आमदनी 18 लाख तक पहुँच चुकी है। कृष्ण नाग शुरूआत में खेती के गुण सीखने के लिए ओडिशा सरकार की तरफ से चलाई हॉर्टिकल्चर मिशन से ट्रेनिंग लिए थे।

Farming Krishn Nag

ट्रेनिंग से सीखा ऑर्गेनिक फार्मिंग

ट्रेनिंग के दौरान कृष्ण यह सीखे कि कम जगह में ज्यादा खेती कैसे करनी है तथा आर्गेनिक खेती कैसे की जाती है। कृष्ण नाग बताते हैं कि अगर टमाटर और मिर्ची में केमिकल फर्टीलाइजर का इस्तेमाल हो तो उसके खराब होने की आशंका ज्यादा होती है। इससे बचने के लिए कृष्ण नाग ने ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) की ट्रेनिंग ली और उसी के अनुसार खेती की। इसके अलावा ट्रेनिंग के दौरान यह बताया गया था कि फल और सब्जी जल्दी खराब न हो, उसके लिए कैसे भंडारण करना है ताकि वह सुरक्षित रह सके। कृष्ण बताते हैं कि उन्हें ट्रेनिंग से खेती करने में बहुत मदद मिली।

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