Success Story: दोस्तों अभी के दौर में पढाई लिखाई से बढ़कर कुछ नही है. क्योकि जीवन में कुछ करने के लिए पढाई लिखाई करना सबसे ज्यादा जरुरी है. पढाई हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. जिससे हमें जीवन में आगे बढ़ने की सिख मिलती है. इसलिए हमलोगों को पढाई के प्रति सदैव लगी रहनी चाहिए.
प्रिंस ने नीट की एग्जाम में लाये 675 अंक
Success Story in hindi: परिश्रम अगर चुप चाप की जाय तो फल मिलते ही जय जय कार होने लगती है. ठीक ऐसे ही एक बात एक स्टूडेंट की सुनने को मिली है. जिनका नाम प्रिंस(prince) है. प्रिंस मूल रूप से खातौली कोटा के तलाव पंचायत के फतेहपुर मोहल्ले के रहने वाले है. जिन्होंने नीट की परीक्षा में 675 अंक हासिल किए हैं.
प्रिंस ने आल इंडिया में 2263 रैंक हासिल किये
Success Story: वही कैटेगिरी में 656 रैंक प्राप्त किये है. तथा पुरे भारत में 2263 रैंक हासिल किये है. ऐसा कर उन्होंने अपने माता पिता और परिवार के नाम को उचा कर दिए है. प्रिंस(prince) के पिताजी का नाम लक्ष्मीचन्द्र है. जो की पहले किसी दवाई के दुकान में काम करते थे. फ़िलहाल में अभी वो खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे है.
प्रिंस के माता-पिता और पढाई के बारे में
Success Story in prince: prince की माँ के बारे में बात करे तो. वो भी एक सरकारी स्कूल के आगनबड़ी में अपना ड्यूटी कर रही है. वही अगर प्रिंस(prince) की पढाई लिखाई के बारे में बात की जाय तो. उन्होंने शुरु से ही अपने पढाई लिखाई के प्रति काफी होसियार रहे है. प्रिंस ने कहा की उनकी सुरुआती पढाई खतौली से ही किये है.
प्रिंस ने 10th में 93.17 और 12th में 96.20 नंबर लाये थे
Success Story: 10th तक की पढाई करने के उपरान्त उन्होंने 11th में इटावा के विद्यालय में अपना नामाकंन करवाए. जिसमे वो बताते है की 10th में उन्होंने 93.17% नंबर प्राप्त किये थे. और 12th में प्रिंस(prince) ने 96.20% नंबर प्राप्त किये थे. दरअसल प्रिंस के पिता का सपना है. की उनका बेटा डॉक्टर बने.
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Success Story: क्योकि prince के पिता पहले दवाई की दुकान में काम करते थे. तब कभी कभी उनके मन में ये ख्याल आता था. की उनका बेटा डॉटर बनकर लोगो की सेवा करे. और उनके बेटे द्वारा लिखे गए दवाई का उपयोग करे. ठीक उसी तरह उनके बेटे प्रिंस ने अपना मंजिल डॉक्टर बनने को मान लिए है. और वो एक दिन अपने मंजिल तक जरुर पहुचेंगे. और अपने पिता का सपना जरुर पूरा करेंगे.