भारत में बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है जहां पर गंगा नदी के ऊपर सबसे ज्यादा पुल का निर्माण किया जा रहा है आपको बता दूं कि गंगा नदी बिहार से होकर गुजरने के वजह से बिहार दो भागों में बटा हुआ है इस वजह से लोगों को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसी को देखते हुए बिहार सरकार बिहार के इन्ही दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण करा रही है जिसमें अनेक पुल का निर्माण किया जा रहा है आपको बता दूं कि अभी तक इन गंगा नदी के ऊपर कुछ ही पुल थे जिसमें महात्मा गांधी सेतु विक्रमशिला सेतु आदि पुल थे लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में गंगा नदी के ऊपर आपको अनेक ब्रिज देखने के लिए मिलेंगे वहीं आने वाले 2 से 3 सालों में गंगा नदी के ऊपर 3 महासेतु का निर्माण हो जाएगा जिसके बाद आम जनता को आने जाने में सहूलियत मिलेगी।
सुल्तानगंज अगवानी घाट पुल सुल्तानगंज से अगवानी घाट के बीच बन रहे महासेतु को अगले साल यानी 2022 में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा इस ब्रिज को गंगा नदी के ऊपर बनाया जा रहा है जोकि भागलपुर के सुल्तानगंज को खगरिया से जुड़ेगा इसके तहत चार लेन पुल और पर्यटकों को आकर्शित करने के लिए शानदार डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी का भी निर्माण किया जा रहा है यह लक्ष्य है कि इसे 2022 के मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा जिसके बाद भागलपुर से खगरिया के बीच लोगों को आने जाने में और भी सहूलियत मिलेगी।
कच्ची दरगाह बिदुपुर ब्रिज पटना के कच्ची दरगाह से लेकर और बिदुपुर के बीच गंगा नदी के ऊपर एक और महासेतु का निर्माण किया जा रहा है यह ब्रिज देश का सबसे बड़ा एक्स्ट्राडोस केबल ब्रिज होगा आपको बता दूं कि यह महासेतु सिक्स लेन का होगा और इसे 2023 तक पूरा कर लेने की योजना है अभी फिलहाल 45 प्रतिशत काम हो चुका है आपको बता दूं कि इस ब्रिज का लंबाई करीब करीब 19.76 किलोमीटर बताया जा रहा है जिसमें 67 पाए होंगे इस महासेतु के बन जाने के बाद राजधानी पटना को उत्तर बिहार से सीधा जुड़ जाएगा जिससे गांधी सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम हो जाएगा।
औटा घाट सिमरिया ब्रिज बिहार के औटा घाट से लेकर सिमरिया के बीच एक और गंगा नदी के ऊपर महासेतु का निर्माण किया जा रहा है आपको बता दूं कि यह पुल राजेंद्र पुल से पश्चिम में 1491 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण किया जा रहा है और इस पुल को भी 2023 तक पूरा कर लेने की योजना है ।