जिस वक्त ताऊ’ते तूफान मुंबई पहुंचा, एक बार्ज (नौका) P305, मुंबई के पास ही अरब सागर में था. ये बार्ज, तूफान की चपेट में आ गया. भारतीय नेवी ने यहां से 187 लोगों को निकाल लिया लेकिन अभी भी काफी लोग लापता है. इस बार्ज के चीफ इंजीनियर रहमान शेख का कहना है कि अगर कैप्टन ने साइक्लोन की वार्निंग को गंभीरता से लिया होता तो शायद सभी लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 48 साल के रहमान ने कहा कि,
“तूफान के हफ्ते भर पहले ही हमें चेतावनी मिली थी. आस-पास के कई बार्ज वापस लौट गए थे. मैंने कैप्टन बलविंदर सिंह से कहा था कि हमें भी वापस बंदरगाह चलना चाहिए. लेकिन उन्होंने कहा कि हवाएं 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं होंगी. और तूफान एक से दो घंटे में मुंबई पर से गुजर जाएगा. लेकिन हवाएं 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से भी तेज थी. हमारे 5 एंकर टूट गए थे. वो तूफान का सामना नहीं कर सके.”
जब तूफान आया तो P305 पर 261 लोग सवार थे. बुधवार 19 मई को जैसे ही 22 शव बाहर निकाले गए, बार्ज से करीब 50 लोग लापता पाए गए. इस बार्ज पर वह लोग सवार थे जो ONGC के प्लेटफॉर्म्स और रिग्स में काम करते थे. ये बार्ज बिना इंजन वाला था जैसे इस कैटेगिरी के अन्य बार्ज होते हैं. आमतौर पर बार्ज को एक टग बोट के जरिए खींचा जाता है. चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने कहा कि उन्होंने P305 की टगबोट को SOS भेजा था लेकिन उसके मालिक ने शायद वह देखा ही नहीं.
ऑयल रिग से टकरा गया P305
हमान शेख ने आगे कहा कि उन्होंने कुछ नेवी के जहाज़ों को अपनी ओर आते देखा था लेकिन वह P305 तक पहुंच पाते, उससे पहले ही बार्ज एक ऑयल रिग से टकरा गया. इसकी वजह से एक बड़ा छेद हो गया और उसमें पानी भरना शुरू हो गया. बार्ज पर मौजूद लोगों ने लाइफ राफ्ट्स की मदद से निकलना चाहा, लेकिन केवल दो ही सही निकलीं. बाकी 14 में छेद थे. हवा बहुत तेज थी और लहरें भी बहुत ऊंची थीं. किसी में इतनी हिम्मत नहीं बची थी कि स्टारबोर्ड की तरफ जाकर वहां मौजूद 16 लाइफ राफ्ट्स को चेक करे.
जिन लोगों ने लाइफ जैकेट पहनी थीं, उनको कहा गया कि वो तैरने वाले रिंग्स को पकड़ कर, ग्रुप्स में समुद्र में कूद जाएं. ताकि बचाने वाले उन्हें आसानी से देख सकें और खींच लें. रहमान कहते हैं कि सोमवार की शाम 5 बजे, बार्ज पानी में डूब गया. अधिकतर लोग पैनिक और शॉक के कारण मरे होंगे. मैंने भी मानो मौत को साक्षात देखा था लेकिन अल्लाह के करम से मैं बच गया.
शेख को नेवी ने बचा लिया और उन्हें अपोलो अस्पताल ले आई जहां वह अपने परिवार से मिल पाए. कंपनी के टेक्निकल सुपरिटेंडेंट राजेंद्र प्रताप ने उन्हें फोन किया. शेख ने कैप्टन के बारे में पूछा. प्रताप ने कहा कि वे अभी भी उन्हें तलाश कर रहे हैं.
आजतक की एक खबर के मुताबिक तूफान के कारण अरब सागर में मुंबई से कुछ दूरी पर ही ये बार्ज फंस गया था. ऑयल रिग के पास मौजूद इस बार्ज में से लोगों को निकालने का काम किया जा रहा था. भारतीय नेवी, कोस्ट गार्ड समेत अन्य कई एजेंसियां इसमें जुटी हुई थीं. अरब सागर में ओएनजीसी के ऑयल रिग के पास मौजूद बार्ज P305 की कंपनी एफकॉन ने इसको लेकर बयान भी जारी किया है. कंपनी के मुताबिक, जब बार्ज को सोमवार को तूफान की जानकारी दी गई थी तब उसमें कुल 273 लोग सवार थे.
input – thelallantop