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कोरोना संक्रमण काल में सांसदों, मंत्रियों व विधायकों ने मैदान छोड़ा; डटे हैं PM व CM

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जनता जिनको अपनी बात आगे रखने के लिए अपना जनप्रतिनिधि चुनती है, अगर वह लोग ही मुश्किल घड़ी में मैदान छोड़ दें तो जनता का फैसला क्या होगा। देश के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन के दौरान लोगों ने इतनी परेशानी झेली, जिनकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। इस दौरान उनके परिवार के लोग भी बड़ी सीमित संख्या में साथ में थे, लेकिन उनके क्षेत्र के लोकप्रिय माननीय नदारद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही इस संकट की घड़ी में लोगों के साथ थे, लेकिन इनकी टीम के बाकी सदस्य अंदर ग्राउंड हो गए।

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कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन में लोग मेडिकल ऑक्सीजन, कोविड बेड तथा दवाओं के लिए काफी परेशान रहे। इसके बाद भी उनको अपने लोकप्रिय सांसद तथा विधायकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। कोरोना के सेकंड वेब में जब लोग कई जगह पर मेडिकल ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और दवाइयों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, तब लोकप्रिय सांसद तथा विधायक गायब थे।

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उत्तर प्रदेश देश को सर्वाधिक 80 देने वाला प्रदेश है, देश की पीएम भी उत्तर प्रदेश ही तय करता है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण काल में 80 में से सिर्फ 18 सांसद ही एक्टिव रहे। पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से वाराणसी के लोगों से जुड़े रहे तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद मोर्चा संभाल लिया। कई जगह जैसे बलिया में तो सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लापता होने के पोस्टर्स व बैनर भी लगे, लेकिन वीरेंद्र सिंह मस्त को अभी भी मस्त हैं। बलिया में झांकने तक नहीं पहुंचे हैं।

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कोरोना वायरस संक्रमण का कहर अब कम होता जा रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधि बेहद सुरक्षा कवर में हैं। धरती पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव तो मैनपुरी से दो वर्ष से अधिक समय से गायब हैं जबकि उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भी अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ के लोगों का हालचाल लेने की फुर्सत नहीं है।

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कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से सांसद हैं। वह भी 16 महीने पहले रायबरेली आई थीं। इनमें सत्ता पक्ष के अधिक और विपक्ष के भी सांसद हैं। जिन सांसदों का घर उनके क्षेत्र में है, वो भी इस दौरान काफी कम निकले। कुछ सांसदों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अच्छा काम भी किया।

मिसाल हैं सीएम योगी आदित्यनाथ : कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन की चपेट में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ में होम आइसोलेशन में थे। इसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ फिर से बेहद एक्टिव हो गए। मई में अब तक सभी मंडलों का दौरा करने के साथ ही उन्होंने नौ जिलों में जाकर समीक्षा भी की है। लखनऊ में कोविड अस्पताल के साथ कोविड कंट्रोल रूम का अक्सर ही दौरा करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने महामारी पर आंशिक अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की है।

यबरेली के लोग 16 महीने से लोकप्रिय सांसद का चेहरा देखने को तरस गए: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस के बड़े तथा स्थापित गढ़ रायबरेली से सांसद हैं। वह बीते वर्ष जनवरी के बाद से आज तक रायबरेली के लोगों का हालचाल लेने नहीं पहुंच सकी हैं। उनके क्षेत्र के लोग 16 महीने से लोकप्रिय सांसद का चेहरा देखने को तरस गए हैं। सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा ही उनका पूरा कामकाम देखते हैं। जननेता माने जाने वाले धरती पुत्र मुलायम सिंह तो लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद भी मैनपुरी नहीं गए हैं। मैनपुरी से सांसद और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव 19 अप्रैल 2019 को मैनपुरी में बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ अपना चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। मुलायम सिंह 25 महीने से मैनपुरी से गायब हैं। जनता परेशान भले ही है, लेकिन लोकप्रिय सांसद के लापता होने का पोस्टर नहीं लगा रही है।

साभार – dainikjagran

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