आजकल किचन गार्डन में सब्जी उगाने के लिए क्यारियों की जगह प्रायः नहीं होती है। ऐसे में बालकनी या छत पर गमलों के लिए जगह हो तो इनमें भी मौसमी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। जानिए इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा।

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कैसे हों कंटेनर?

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टेराकोटा बर्तन, टब, बैरल जैसे बड़े कंटेनर आदर्श हैं क्योंकि आप टमाटर, बैंगन और कुकुर्बिट-वाइन जैसी फसलों को एकसाथ लगा सकते हैं। छोटे कंटेनरों का उपयोग लेटस, गाजर और मिर्च के लिए किया जा सकता है। बेलदार सब्जियों के लिए सीमेंट या प्लास्टिक के बड़े कंटेनर, लकड़ी के बैरल, बॉक्स, प्लास्टिक की बड़ी थैलियां (प्लास्टिक के ग्रो बैग) बाल्टी, टिन के बक्से, विभिन्न आकारों के ड्रम आदि हो सकते हैं।

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इन कंटेनरों में कम से कम एक या दो बड़े सुराख होने चाहिए ताकि जल निकासी हो सके। इन कंटेनरों को छतों, खिड़की के झरोखों, बालकनी या बरामदे में ऐसी जगह रखें, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त आता हाे। पॉट में कुछ बांस की खपच्चियां लगाकर बेलदार पौधों को सहारा दिया जा सकता है। ट्रे वाले गमलों या साधारण गमलों में आप पत्तेदार सलाद, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, आलू, धनिया, पुदीना, राई व मेथी जैसी सब्जियां उगा सकते हैं।

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टेराकोटा बर्तन, टब, बैरल जैसे बड़े कंटेनर आदर्श हैं क्योंकि आप टमाटर, बैंगन और कुकुर्बिट-वाइन जैसी फसलों को एकसाथ लगा सकते हैं। छोटे कंटेनरों का उपयोग लेटस, गाजर और मिर्च के लिए किया जा सकता है। बेलदार सब्जियों के लिए सीमेंट या प्लास्टिक के बड़े कंटेनर, लकड़ी के बैरल, बॉक्स, प्लास्टिक की बड़ी थैलियां (प्लास्टिक के ग्रो बैग) बाल्टी, टिन के बक्से, विभिन्न आकारों के ड्रम आदि हो सकते हैं।

इन कंटेनरों में कम से कम एक या दो बड़े सुराख होने चाहिए ताकि जल निकासी हो सके। इन कंटेनरों को छतों, खिड़की के झरोखों, बालकनी या बरामदे में ऐसी जगह रखें, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त आता हाे। पॉट में कुछ बांस की खपच्चियां लगाकर बेलदार पौधों को सहारा दिया जा सकता है। ट्रे वाले गमलों या साधारण गमलों में आप पत्तेदार सलाद, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, आलू, धनिया, पुदीना, राई व मेथी जैसी सब्जियां उगा सकते हैं।

कैसा हो मिट्‌टी का मिश्रण?

कंटेनर में भुरभुरी मिट्टी, मोटी रेत और गोबर की खाद को समान अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाना चाहिए। तली में पत्थर के छोटे टुकड़ों या बजरी की तह और उसके ऊपर रेत की आधा इंच तह बिछा दें। इसके बाद रेत व खाद मिली हुई मिट्टी से गमले को भर दें। गमले में ऊपर एक इंच जगह खाली छाेड़ दें।

कैसे करें देखभाल?

– कंटेनरों में लगे पौधों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। इन्हें कई बार पानी देना जरूरी है। बारिश के मौसम में बर्तनों से पानी निकालने के लिए बर्तनों को थोड़ा झुकाया जा सकता है।

– यूरिया 5 से 10 ग्राम की शीर्ष ड्रेसिंग नम मिट्टी में बुवाई के तीन सप्ताह बाद या रोपाई के 2 सप्ताह बाद दी जा सकती है। वैसे 19-19-19 की खाद का का छिड़काव प्रत्येक पखवाड़े 2 ग्राम/लीटर पानी में करें। इसके अलावा इस खाद को 5 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर तरल फीड के रूप में दिया जा सकता है।

– समय-समय पर नीम तेल के कीटनाशक का छिड़काव भी करें। जितना हो सके, जैविक कीटनाशकों का उपयोग ही करें।

साभार – dainik bhaskar

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