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जिस मशीन से शाहजहांपुर-हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन में रोटियां बनाई जा रही थीं, अब उससे यहां बन रहा खाना

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जिस मशीन से किसान आंदोलन में रोटी बनाई जाती थी, वही मशीन अब कोरोना मरीजों के लिए रोटियां सेंक रही है। इससे मरीजों के साथ ही परिजनों को भी सहूलियत होने लगी है। युवा कांग्रेस की पहल पर यह सब संभव हो पाया है। खास बात यह है कि अलवर शहर की सबसे बड़ी रसोई में इस मशीन का उपयोग हो रहा है। इससे पहले इसी मशीन से शाहजहांपुर-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के लिए रोटियां बनाई जाती थीं। युवा कांग्रेस की करीब 15 से 20 सदस्यों की टीम खुद खाना बनाती है।

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फिर खाने को पैक करके घर-घर पहुंचाते हैं। चार दिन पहले शुरू की इस रसोई से अब 600 लोगों का खाना बनने लगा है। टीम के माध्यम से डोर-टू-डोर खाना पहुंचाने की व्यवस्था कराई गई है। इनके मोबाइल नम्बर पर कोरोना मरीज व उनके परिजन फोन करते हैं। फिर उनका नाम रजिस्टर में दर्ज कर लेते हैं। इसके बाद इनकी टीम खाना पहुंचाना शुरू कर देती है।

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साफ-सफाई व गाइडलाइन का पूरा ख्याल
अलवर शहर के स्कीम एक में बाल भारती स्कूल के सामने मकान में रसोई चल रही है। वहां रोटी बनाने की बड़ी मशीन लगी है। सब्जी के लिए बड़ा चूल्हा है। जैसे-जैसे रोटी बनती जाती है, सब्जी के साथ खाना पैक होता जाता है। सुबह नौ बजे से काम शुरू हो जाता है। शाम तक रसोई चलती है।

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सैनिटाइजेशन से लेकर भोजन तक की व्यवस्था
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीनबंधु शर्मा का कहना है कि पिछले साल मार्च में अलवर में कोराेना ने दस्तक दी थी। तब से हमारी टीम लगातार काम कर रही है। उस समय घर-घर के सैनिटाइजेशन का काम किया गया। पहली लहर में भी खाना उपलब्ध कराया गया था। अब दूसरी लहर में भी जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। बकौल दीनबंधु, हमारी टीम के लोग ही आपस में सहयोग करके खाने का राशन जुटाते हैं। रोटी बनाने की मशीन भी हमारी टीम ने खरीदी थी। इसे पहले किसान आंदोलन में भेजा गया था, अब जरूरत पड़ी तो यहां लेकर मरीजों और उनके परिजनों के लिए रोटियां बना रहे हैं।

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9461106222 करें डायल
जिलाध्यक्ष शर्मा ने बताया कि उनकी पूरी टीम के पास मोबाइल खाने की जरूरत वाले लोग फोन करते हैं। फिर उनके घर जाकर खाना पहुंचाते हैं। ज्यादातर कोरोना के मरीज व उनके परिजनों को खाना पहुंच रहा है। ऐसे जरूरतमंद लोग उनके मोबाइल नम्बर 9461106222 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

शहर में कई अन्य जगह भी रेसाई
शहर में कई अन्य जगहों पर भी रसोई संचालित हो रही हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से रोज सैकड़ों जरूरतमंदों के लिए रोटी का इंतजाम हो रहा है।

साभार – dainik bhaskar

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