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इजराइल और फिलीस्तीन के बीच अब किसी बड़ी जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मंगलवार को फिलिस्तीन के हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन मानता है) संगठन की तरफ से इजराइल की राजधानी तेल अवीव, एश्केलोन और होलोन शहर को निशाना बनाया गया। देर रात तक इन हमलों में 3 आम लोगों के मारे जाने की खबर थी। जवाब में इजराइली एयरफोर्स ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी पर हमला बोला। यहां 13 मंजिला बिल्डिंग को निशाना बनाया गया।

इजराइल के मुताबिक, इस बिल्डिंग में हमाल की पॉलिटिकल विंग का ऑफिस था। यह बिल्डिंग अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और डिफेंस मिनिस्टर बेनी गेंट्ज ने साफ कर दिया है कि हमास को इन हमलों की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। नेतन्याहू ने कहा- सिर्फ एक बात समझ लीजिए। आतंकियों को इन हमलों की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। रविवार से जारी इस संघर्ष में अब तक 38 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके पहले, 2014 में इजराइल और हमास के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था।

भारतीय महिला की भी मौत
हमास के रॉकेट हमलों में भारतीय महिला सौम्या संतोष (32) की भी मौत हुई है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के हवाले से न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी दी। सौम्या यहां नौकरी करतीं थीं। उनके परिवार में 9 साल का बेटा और पति हैं। भारत में इजराइल के एम्बेसेडर रॉन माल्का ने सौम्या के निधन की पुष्टि करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा- इजराइल आतंकियों के सामने न कभी झुका है, और न झुकेगा।

हमास ने चुप्पी साधी
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ से बातचीत में हमास के एक प्रवक्ता ने कहा- मंगलवार शाम हमने 130 रॉकेट इजराइल की तरफ दागे। 24 घंटे के अंदर इनकी संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है। जब इस प्रवक्ता से यह पूछा गया कि इजराइली एयरफोर्स के हमले में कितना नुकसान हुआ तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

हमास भले ही कुछ न कहे, लेकिन इजराइल ने उसे बहुत भारी नुकसान पहुंचाया है। इजराइल ने गाजा पट्टी में कई ऊंची इमारतों को जमींदोज कर दिया है। इसमें से एक 13 मंजिला बिल्डिंग में हमास की पॉलिटिकल विंग का दफ्तर था। दिन के वक्त यहां 700 से 1200 से लोग रहते हैं। फिलहाल, यह पता नहीं लग सका है कि हमले के वक्त कितने लोग यहां मौजूद थे। शायद यही वजह है कि हमास भी इस बारे में चुप है।

आयरन डोम ने रोके रॉकेट हमले
गाजा पट्टी से इजराइल पर दागे गए रॉकेट में से अधिकतर को आयरन डोम ने नष्ट कर दिया। ये एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम होता है। जो रॉकेट की पहचान करता है और काउंटर मिसाइल लॉन्च करता है। इससे रॉकेट हवा में ही नष्ट हो जाता है। इसका सबसे पहला परीक्षण 2012 में किया गया था। इसे इजराइल की सरकारी रक्षा एजेंसी ‘राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स’ ने डेवलप किया है। इससे पहले भी इजराइल ने हमास के 90% हमले आयरन डोम के जरिए नाकाम किए गए हैं।

ट्रम्प बोले- ये हमले बाइडेन की कमजोरी दिखाते हैं
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’से बातचीत में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन हमलों को जो बाइडेन की कमजोरी बताया। कहा- मैं जब राष्ट्रपति था तब इजराइल और फिलीस्तीन के बीच शांति थी। फिलीस्तीन और इजराइल के बाकी दुश्मन जानते थे कि अमेरिका हर हाल में इजराइल के साथ खड़ा है। अगर उस पर हमला हुआ तो हम भी उसके दुश्मन को छोड़ेंगे नहीं। बाइडेन के दौर में हिंसा बढ़ रही है और यह उनकी कमजोरी है।

साभार – dainik bhaskar

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