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पुलिस कमिश्नर का फिल्मी अंदाज: कामकाज का जायजा लेने मुस्लिम युवक का हुलिया बनाकर थाने पहुंचे, कहा- कुछ गुंडों ने हमारी बेगम से छेड़खानी की है

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महामारी के दौर में पुलिस कैसे काम कर रही है, यह जानने के लिए पिंपरी चिंचवाड़ के कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने अपना मेकअप के जरिए अपना हुलिया बदला और मुस्लिम फरियादी बनकर शहर के तीन अलग-अलग पुलिस थानों में गए। दरअसल, कमिश्नर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि कोरोना संक्रमण के दौर में पुलिस आम लोगों के साथ किस तरह से पेश आ रही है।

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यह पवित्र रमजान का महीना है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृष्ण प्रकाश ने मुस्लिम गेटअप में जाने का फैसला किया। उनकी पत्नी के किरदार में एसीपी प्रेरणा कट्टे थीं। दोनों एक प्राइवेट कार से हिंजवडी, वाकड़ और पिंपरी पुलिस स्टेशन गए। कमिश्नर ने चेहरे पर नकली दाढी, सिर पर विग, फैशनेबल जूते, कुर्ता और जींस पहनी थी। मुस्लिम टोपी भी लगाई।

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पुलिस स्टेशन पहुंच सुनाई यह कहानी
कृष्ण प्रकाश ने पुलिस स्टेशनों में जाकर अमूमन एक ही कहानी सुनाई। वो इस तरह थी- हम अपनी बेगम के साथ खाना खाने निकले थे। कुछ गुंडों ने बेगम के साथ छेड़खानी की और कीमती सामान छीनकर भाग गए। हमारी शिकायत दर्ज करने की मेहरबानी करें और गुंडों को गिरफ्तार करें।

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किसी को शक न हो इसलिए उन्होंने बातचीत में कुछ उर्दू के अल्फाज यानी शब्द भी इस्तेमाल किए। कमिश्नर के मुताबिक- हिंजवडी और वाकड़ पुलिस स्टेशन में उन्हें अच्छा रिसपॉन्स मिला। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उनके साथ घटनास्थल पर गए। उन्होंने पहले से प्लांट एक शख्स के बारे में भी बताया। पुलिस FIR दर्ज करने ही वाले थी कि तभी कमिश्नर ने उन्हें अपनी सच्चाई बता दी। फिर गेटअप चेंज किया और मुस्तैद पुलिसकर्मियों को शाबाशी दी।

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तीसरे पुलिस स्टेशन में सुनाई अलग कहानी
कृष्ण प्रकाश और एसीपी प्रेरणा कट्टे इसी वेशभूषा में पिंपरी पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने बताया कि घर का एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है। उसे एम्बुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाना है। एम्बुलेंस वाले ज्यादा पैसे मांग रहे हैं। उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करें और कार्रवाई करें। इसपर पिंपरी पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस वालों ने कहा- यह हमारा काम नहीं। कृष्ण प्रकाश के मुताबिक- इस पुलिस स्टेशन में बात करने का तरीका भी सही नहीं था। इसके लिए उन्हें कमिश्नर की फटकार भी सुननी पड़ी।

क्या था मकसद?
कमिश्नर के मुताबिक- वेश बदलकर पुलिस स्टेशनों के कामकाज का जायजा लेने के पीछे हमारा मकसद पुलिसकर्मियों के व्यवहार को जानना था। महामारी के दौर में हम जानना चाहते थे कि आम लोगों की शिकायतें सुनी जाती है या नहीं? रात के समय पुलिस किस तरह से काम करती है। आम जनता के प्रति उनका व्यवहार कैसा होता है? ऐसा करने से पुलिस थानों के कर्मचारियों में अपने काम के प्रति जागरुकता आएगी, डर बना रहेगा और पारदर्शिता दिखाई देगी।

कमिश्नर ने कहा- सिलसिला जारी रहेगा
पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा- आगे मैं अवैध धंधे, देर रात तक चलने वाले होटल और बार पर ग्राहक बनकर जाउंगा। जिस पुलिस थाने की सीमा में या थानों में गलत पाया जाएगा वहां का इंचार्ज पर कार्रवाई होगी।शहर में जीरो टॉलरेंस, 100% अवैध धंधे बंद, क्राइम ग्राफ नीचे, भाईगीरी, माफियागीरी बंद होगी। शहर में शांति कायम करना है।

गलत काम सहन नहीं होगा
कृष्ण प्रकाश ने आगे कहा, “मेरी डिक्शनरी में गलत काम के लिए माफी नहीं है। अब तक कई पुलिस निरीक्षक और कर्मचारी सस्पेंड हो चुके है। कई गुंडों पर मकोका और तड़ीपार के तहत कार्रवाई हो चुकी है। कुछ और राडार पर हैं। पुलिस वालों को पुरानी परंपरा को छोड़ना होगा। कृष्ण प्रकाश के हिसाब से काम करना होगा।

साभार – दैनिक भास्कर

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