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IAS Success Story: छोटे से गांव की रहने वाली अश्विनी भिडे कैसे बनी IAS, बताई सफलता की मंत्र

IAS Ashwini Bhide

IAS Ashwini Bhide

IAS Success Story: जैसा की आपलोग जानते ही होंगे की देश का सबसे कठिन परीक्षा की दर्जा सिविल सेवा (UPSC) की परीक्षा को दिया गया है. जिस कठिन परीक्षा में लोग लाखो की संख्या में सामिल होते है. लेकिन पास कितने होते है. ये तो आप लोग अच्छे से जानते ही होंगे. किन्तु कुछ ऐसे भी लोग है जो बिना कोचिंग किये ही सेल्फ स्टडी के दम पर सफल हो जाते है. ऐसे ही कुछ यात्रा है. वर्ष 1995 के समय मे UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली IAS अश्विनी भिडे(IAS Ashwini Bhide) की.

IAS Ashwini Bhide

महाराष्ट्र सांगली की रहने वाली है IAS अश्विनी भिडे

IAS Success Story: अश्विनी भिडे (Ashwini Bhide) मूल रूप से महाराष्ट्र सांगली की रहने वाली है. जिन्हें लोग मेट्रो महिला के नाम से भी जानते है. अश्विनी भिडे के पति का नाम संतोष भिडे है. जो की वो भी एक आईएएस अधिकारी थे.जिन्होंने साल 2011 में सेवा से इस्तीफा दे दिया थे. साथ ही अश्विनी भिडे के दो बच्चे है. एक बेटा और एक बेटी है. बेटे का नाम मल्हार भिडे और बेटी का नाम जाह्नवी भिडे है.

बचपन से ही पढाई लिखाई में तेज रही है IAS अश्विनी भिडे

IAS Success Story: अश्विनी भिडे(Ashwini Bhide) बचपन से काफी पढाई लिखाई के प्रति तेज रही है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव के ही विद्यालय से पूरा की है. हलाकि अश्विनी भिडे उस गाँव में रहती थी. जिस गाँव में UPSC परीक्षा के बारे में कोई चर्चा नही था. और न ही कोई स्टूडेंट आईएएस बनने के बारे में सोचते थे. किन्तु अश्विनी भिडे ने इस सब बातो को छोड़ते हुए.

श्विनी भिडे वर्ष 1995 में बनी आईएएस

IAS Success Story: आईएएस बनने की ठान ली. और तैयारी करने लगी. लगातार 3 वर्ष की तैयारी के बाद अश्विनी भिडे (Ashwini Bhide) साल 1995 में सिविल सेवा (UPSC) की एग्जाम में सफलता हासिल की. सफल होने के बाद अश्विनी भिडे बताती है. की जब आप कोई भी काम करने की ठान ले. और उस काम कोमेहनत और लगन से करने लगे.तो निश्चित ही आगे आपको सफलता मिलेगी.

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