आयकर विभाग ने हाल ही में मूनलाइटिंग करने वाले व्यक्तियों के प्रति अपनी नजरें तेज की है और ऐसे व्यक्तियों को इनकम टैक्स नोटिस भेजना शुरू किया है। मूनलाइटिंग का मतलब होता है कि व्यक्ति अपनी मुख्य नौकरी के साथ एक अतिरिक्त काम या व्यवसायिक गतिविधि करके अतिरिक्त आय प्राप्त करता है। इस अतिरिक्त आय को भी इनकम टैक्स के अधीन किया जाना चाहिए, और उसे सही तरीके से घोषित किया जाना चाहिए।

व्यक्तिगत आयकर कानूनों में मूनलाइटिंग का प्रतिबंध नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है कि व्यक्तियों को उनकी सार्वजनिक और गोपनीय आय को सही तरीके से घोषित करने की जिम्मेदारी हो। मूनलाइटिंग से प्राप्त होने वाली आय को उचित तरीके से आयकर भरते समय घोषित किया जाना चाहिए, ताकि व्यक्ति को नकरात्मक प्रभावों से बचाया जा सके।

आखिर क्या है मूनलाइटिंग

“मूनलाइटिंग” एक प्रकार की कर सहायता होती है जिसमें व्यक्ति अपनी मुख्य नौकरी के अलावा एक अतिरिक्त काम या व्यवसायिक गतिविधि करता है। इस तरह की गतिविधियों से आय प्राप्त होती है, जो व्यक्ति की कुल आय में शामिल की जाती है और उसे कर के अधीन करनी होती है।

Income tax department
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इनकम टैक्स में “मूनलाइटिंग” का मतलब होता है कि व्यक्ति अपनी मुख्य नौकरी के साथ और एक या दो अतिरिक्त कामों को भी कर रहा है, जिनसे वह अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहा है। यह अतिरिक्त आय इनकम टैक्स के अधीन आती है और व्यक्ति को इसकी सही तरीके से घोषणा करनी होती है।

एक उदाहरण के रूप में, यदि कोई व्यक्ति अपनी मुख्य नौकरी के साथ फ्रीलांसिंग काम भी कर रहा है, तो वह मूनलाइटिंग के तहत अतिरिक्त आय को इनकम टैक्स के अधीन करना होगा। इसके लिए उसको उचित तरीके से अपनी आय की घोषणा करनी होगी और उसे इसके लिए योग्य कर देने की आवश्यकता होगी।

किन लोगो को भेजा जा रहा है इनकम टैक्स नोटिस

डिपार्टमेंट की नजर में मूनलाइटिंग करने वालों की आय की जाँच की जा रही है और जिन व्यक्तियों ने अपनी मुख्य नौकरी के साथ इसे किया है, उन्हें इनकम टैक्स नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही, जिन व्यक्तियों ने अपने आईटीआर में मूनलाइटिंग से हुई कमाई की घोषणा नहीं की है, उनकी जाँच और पड़ताल भी की जा रही है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में मूनलाइटिंग वालों के खिलाफ कदम उठाना और उनकी आय की सख्त जाँच करना सरकार की कर नीतियों के पालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि सभी नागरिक उचित रूप से और सच्चाई से अपनी कर दायित्व निभा रहे हैं, और उनका सामाजिक और आर्थिक योगदान सही तरीके से मापा जा सके।