Site icon APANABIHAR

सुभद्रा कुमारी चौहान असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली पहली महिला थीं, जाने सुभद्रा कुमारी चौहान से जुड़े कुछ खास बाते

bak111 8

सुभद्रा कुमारी चौहान एक महान कवि थी। इनका जन्म 16 अगस्त 1904को नाग पंचमी के दिन इलाहाबाद में हुआ था । सुभद्रा कुमारी चौहान बचपन से ही कविता लिखने और पढ़ने में काफी रूचि रखती थी । इनके पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था । इनके पिता को पढ़ाई से बहुत लगाव था । इसीलिए सुभद्रा कुमारी चौहान भी पूर्ण रूप से शिक्षित थी ।

Also read: बिहार में बिछेगा सड़कों का जाल, बनेंगे 1530 KM लंबे 7 नए हाइवे

सुभद्रा कुमारी चौहान की पढ़ाई कुछ दिन घर पर ही अपने पिता के देखरेख में हुई । आगे की पढ़ाई इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स स्कूल से की । इसके बाद 1919 में मिडिल स्कूल से परीक्षा पास की । सुभद्रा कुमारी चौहान एक जमींदार की बेटी थी । सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह 16 साल के उम्र में ही ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से हुई ।

Also read: मुजफ्फरपर, सहरसा, भागलपुर, और गया से दिल्ली के लिए ट्रेन, जाने टाइमिंग व किराया

ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाले थे। सुभद्रा कुमारी चौहान विवाह के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने लगी । सुभद्रा कुमारी चौहान को शादी के बाद 5 बच्चे हुए। दो बेटी और तीन बेटा हुआ था। सुभद्रा कुमारी चौहान 9 साल की उम्र से ही कविता लिखती थी । इनकी पहली कविता। नीम लिखी मर्यादा पत्रिका 1913 में प्रकाशित हुई ।

Also read: मुजफ्फरपुर के साथ कई शहरों से दिल्ली के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेनें, जाने टाइमिंग और किराया

सुभद्रा कुमारी चौहान की कुछ कविताएं जैसे झांसी की रानी , वीरों का कैसा हो बसंत, मातृ मंदिर में , राखी की चुनौती, सेनानी का स्वागत, राखी की लाज, विजयदशमी , जलियांवाला बाग में बसंत, सुभद्रा कविता के साथ-साथ कहानी भी लिखती थी । सुभद्रा कुमारी चौहान 88 कविता और 46 कहानी लिखी है।

Also read: बिहार के इन शहरों से दिल्ली, पुणे, मुंबई, और वडोदरा के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जाने टाइमिंग

सुभद्रा कुमारी चौहान जी महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने वाली पहली महिला सत्याग्रही थी। आंदोलन के समय ही सुभद्रा कुमारी चौहान दो बार जेल गई । 1922 में जबलपुर झंडा सत्याग्रह में सुभद्रा ने प्रमुख भूमिका निभाई थी । और इसी दौरान नागपुर में गिरफ्तार होने वाली पहली महिला थी।

सुभद्रा कुमारी चौहान समाज सेवा के लिए राजनीतिक में आई । और पहली बार 1936 में विधानसभा की संसद बनी । और दूसरी बार 1945 में विधानसभा सदस्य चुनी गई। फिर 3 साल बाद एक कार दुर्घटना में 15 फरवरी 1948 को सुभद्रा की मृत्यु हो गई।

Exit mobile version