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अच्छी खबर: खाने का तेल हो गया सस्ता, सरसों, मूंगफली समेत जानें कितने गिरे किसके रेट्स ?

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हमारे देश में सरसों के तेल के कीमतों ने आम लोगों की जेब ढीली कर दी है. खास बात यह है की विदेशी बाजारों में तेजी के बीच आयातित तेलों के भाव में रिकॉर्ड तेजी आने से बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल तिलहन छोड़कर लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए. सरसों के नई फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली.

किसानों को मिल रहे सरसों के अच्छे रेट्स : खबरों की माने तो विदेशी तेलों की तुलना में सरसों तेल के सस्ता होने के कारण इसका बड़े पैमाने पर रिफाइंड बनाया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि देश की मंडियों में आज सरसों की रिकॉर्ड 11,50,000 बोरियों की आवक हुई. इसके साथ ही किसानों को सरसों के अच्छे दाम मिल रहे हैं.

सीपीओ और पामोलिन की कीमतों में भी हुआ सुधार : आपको बता दे की कारोबारियों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 3.14 फीसदी की गिरावट के बावजूद पामोलिन और सीपीओ तेल की कीमतों में सुधार देखा गया है. इन दोनों तेलों का विदेशी बाजार से आयात महंगा पड़ता है, इसलिए इनकी कीमतों में इजाफा देखने को मिला है.

सरसों में 1 प्रतिशत का हुआ सुधार : खास बात यह है की इसके अलावा शिकॉगो एक्सचेंज में एक प्रतिशत की तेजी के साथ सरसों, बिनौला और मूंगफली तेल की कीमतों में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को घरेलू स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिए जिससे घरेलू मुद्रा की बचत होगी और रोजगार भी बढ़ेगा.

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