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देश में तेल के बढ़े दामो से लोग काफी परेसान है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण वैश्विक बाजार (International Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते दिनों तो क्रूड ऑयल के दाम रिकार्ड स्तर तक पहुंच गए थे. हालांकि इसके बाद भी भारत में डीजल-पेट्रोल (Petrol Diesel Price Today) के दाम में बदलाव नहीं किया गया. जाहिर है, देश में पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के कारण डीजल-पेट्रोल (Diesel Petrol Price) के दाम में बदलाव नहीं किया गया है.

आपको बता दे की ब्रोकरेज कंपनी जेपी मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, अगले हफ्ते तक राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो जायेंगे. इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं. खुदरा ईंधन विक्रेताओं को लागत वसूली के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम 16 मार्च तक 12-15 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की आवश्यकता है. पिछले चार महीने से ईंधन के दाम नहीं बढ़ाये गये हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है और गुरुवार को यह 120 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गयी थी, जो बीते नौ वर्षों में सबसे अधिक हैं. हालांकि शुक्रवार को दाम थोड़े घट कर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये हैं.

आइसीआइसीआइ सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि बीते दो महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ने से सरकारी तेल कंपनियों को लागत वसूली के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले ईंधन के दामों में 12.10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी. वहीं, उनके मार्जिन को भी जोड़ लें, तो 15.10 रुपये प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि की आवश्यकता है.

मीडिया रिपोर्ट की माने तो तीन मार्च, 2022 को वाहन ईंधन का शुद्ध मार्जिन शून्य से नीचे 4.92 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया. चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 1.61 रुपये लीटर है. हालांकि ईंधन के मौजूदा अंतररराष्ट्रीय मूल्य पर 16 मार्च को शुद्ध मार्जिन घटकर शून्य से नीचे 10.1 रुपये प्रति लीटर और एक अप्रैल को शून्य से नीचे 12.6 रुपये लीटर तक जा सकता है.

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