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अब कार मालिकों को बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमत से छुटकारा मिलेगा. हाल में केंद्र की मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर भारत स्टेज (BS-6) वाहनों में सीएनजी (CNG) और एलपीजी (LPG) किट लगवाने की मंजूरी दे दी है. साथ ही 3.5 टन से कम भार वाले डीजल इंजनों को सीएनजी/एलपीजी इंजन से बदलने की अनुमति दी है. कुछ दिन पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (Union Ministry of Road Transport) ने इसको लेकर एक प्रस्ताव भारत सरकार के पास भेजा था. अभी तक बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों के तहत मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति नहीं थी.

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आपको बता दे की नोटिफिकेशन के मुताबिक, सीएनजी किट से रेट्रोफिट किए गए वाहनों का अप्रूवल 3 साल के लिए वैलिड होगा. हालांकि, इसे फिर हर 3 साल में रिन्यू कराया जा सकेगा. सीएनजी ऑपरेशन के लिए रेट्रोफिट अप्रूवल विशेष रूप से निर्मित वाहनों के लिए दिया जाएगा. बता दें कि CNG पर्यावरण के अनुकूल एक ईंधन है.

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ये रहेगी लिमिट : खास बात यह है की किट को किसी भी वाहन में स्पेसिफाइड लिमिट के हिसाब से लगाया जाएगा, जैसे- 1500cc तक के वाहनों को ±7% और 1500 CC के ऊपर के वाहनों को ±5% की क्षमता सीमा के अंदर रेट्रोफिटमेंट के लिए उपयुक्त माना जाएगा. इसके अलावा CNG वाहन या किट कंपोनेंट्स, उनके लगाने सहित, अनुबंध IX में दी गई सुरक्षा जांच के अनुरूप होंग.

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ऑथराइज्ड डीलर से ही लगवाएं किट : जानकरो की माने तो कार में लगाने वाली सभी सीएनजी किट जेनुअन नहीं होती हैं. ऐसे में अपनी कार में किसी भी सीएनजी किट को लगवाने से पहले उसकी सत्यता को पहचान लें. आपको स्थानीय वेंडर से किट लगवाने से बचना चाहिए और किसी ऑथराइज्ड डीलर से ही किट लगवानी चाहिए. हालांकि, खराब क्वालिटी की किट और अनुचित फिटिंग रिसाव का कारण बन सकती है. इससे आग लगने का खतरा रहता है.

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यात्री बसों में आग की चेतावनी वाला सिस्टम जरूरी : बता दे की एक अन्य फैसले में मंत्रालय ने लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है. बयान में कहा गया है कि लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा, जहां पर लोग बैठते हैं. इसके लिए 27 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है

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