आम आदमी के आधार कार्ड की तरह ही प्रदेश में अब हर जमीन की अपनी अलग पहचान होगी। केंद्र सरकार इसके लिए खास नंबर जारी करेगी। केंद्र ने इसे विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआइएन) नाम दिया गया है। अब आधार के तर्ज पर ही जमीनों की भी पहचान संख्या जारी की जा रही है। साथ ही, भूखंडों के ब्योरों का कंप्यूटरीकरण करके उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है। अब जमीनों की विशिष्ट संख्या तैयार की जा रही है.
जानकारी के लिए बता दे की उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) जमीन के 16 अंकों का यूनिक कोड (unique 16-digit Unicode) जारी करने का प्लान तैयार कर रही है. सरकार की इस कोशिश से जमीन के खरीद-फरोख्त में होने वाली धोखाधड़ी ( land disputes) से बचा जा सकता है. यूपी सरकार जमीन खरीददारों के साथ होने वाली धोखेबाजी (Land Fraud) को बचाने के लिए 16 अंकों का यूनिक कोड (Unique Code) जारी करेगी.
बताया जा रहा है की उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh) के ज्यादातर जिलों में जमीन का यूनिक कोड तैयार करने का काम शुरू हो गया है. सभी गांवों में जमीनें के लिए यूनिक कोड (Unique Code) तय करके उसका रिकॉर्ड कंप्यूटराइज करने का काम किया जा रहा है. इस योजना में जमीन के पुराने मालिक के साथ नए मालिक का भी नाम दर्ज किया जा रहा है.
16 अंकों का होगा यूनिक कोड (unique 16-digit Unicode)
बता दे की जमीन का यूनिक कोड (Unique Code) सोलह अंकों का होगा. पहले एक से लेकर छह अंक गांव की जनगणना के आधार पर होगा. सात से 10 अंक तक भूखंड की गाटा संख्या और 11 से 14 अंक जमीन के विभाजन का नंबर होगा. 15 से 16 नंबर भूमि की श्रेणी होगी. श्रेणी में कृषि, आवासीय और व्यवसायिक जमीन चिह्नित की जा सकेगी.