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देश में खाद्य तेल के दाम (Cooking Oils price) पिछले कुछ महीनों में आसमान पर पहुंच गए थे, जिसके बाद सरकार ने कुछ सक्रियता दिखाते हुए स्टॉक लिमिट लगा दिया था इस वजह से कीमतों में आग लगी थी। हालांकि अब दीपावली के पूर्व बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में तीन प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है। यानि प्रति लीटर 5-6 रुपये की कमी आई है। त्यौहारों के बाद डिमांड घटने पर कीमत में और भी कमी की उम्मीद जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि आबादी एवं होटल, रेस्तरां, ठेला-खोमचा वालों की जरूरत के अनुसार रांची में प्रतिमाह लगभग सात लाख लीटर तेल की खपत होती है। शहर में खाद्य तेलों की आवक राजस्थान और आगरा से होती है।

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186 से 205 रु. प्रति लीटर की दर से बिक रहा सरसों तेल

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बाजार में तेजी के बाद सरसों तेल की कीमतें स्थिर हैं। फिलहाल 186 से 205 रु. प्रति लीटर की दर से खुदरा बिक्री हो रही है। वहीं, थोक भाव में यह 183 से 195 रुपये के बीच उपलब्ध है। थोक में 15 किलो की टीन की कीमत 3000 से 3050 रु. है। त्यौहारों के बाद मांग में कमी आने एवं जनवरी में नए फसलों के तैयार होने के फलस्वरूप कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना है।

शहर में कच्ची घानी तेल की अच्छी-खासी मांग है। कच्ची घानी तेल में झाग और तीखापन होने के कारण यह खाने के स्वाद को बढ़ाता है। इस वजह से यह लोगों को खूब भाता है। मंत्रालय का कहना है कि त्योहारों पर खाद्य तेलों की मांग काफी बढ़ जाती है, इसलिए इस तरह की बैठक अहम है. इसके पहले केंद्र ने ऊंची कीमतों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें पाम ऑयल, सूरजमुखी तेल और सोयाबीन तेल के आयात शुल्क में बड़ी कटौती शामिल है.

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