बहुत दिनों बाद बिहार में एक बार फिर 1 अक्टूबर यानि शुक्रवार से बालू का खनन शुरू हो गया है | दरअसल एनजीटी(NGT) के रोक के कारण 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बिहार में बालू खनन (Sand Mining) पर फिलहाल रोक लगी है, अब रोक हटते ही शुक्रवार से फिर बालू खनन का काम शुरू हो गया है . हालांकि, अभी बालू खनन बिहार के सिर्फ 8 जिलों में शुरू हो सकेगा. बिहार के बक्सर, अरवल, नवादा, बांका, वैशाली, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज जिले में शुक्रवार से बालू खनन का कार्य शुरू हुआ है | फिलहाल पुराने बंदोबस्तधारियों की लीज अवधि को बढ़ाया जाएगा. अब लोहग यह आस लगा रहे है की खनन शुरू होने से भाव में कमी आएगी जिससे लोगो को मदद मिलेगी |
बात यह है की सरकार कुच्छ समय से बालू पर रोक लगायी थी | जिसके कारण कुछ लोग बालू का अवैध बिक्री करते थे और मनचाहा दाम लेते थे | दरअसल रेत खनन पर रोक के चलते बालू बहुत महंगी बेची जा रही है | रेत की कालाबाजारी भी जोरों पर है. रेत माफिया अनाप-शनाप पैसों पर बालू बेच रहे हैं. बालू का खनन शुरू होने पर आमलोगों को राहत मिलेगीऔर कालाबाजारी पर रोक लगेगी |
बालू खनन पर रोक बरसात के कारण लगाई गई थी. बहराल इसकी वजह से मार्केट में अवैध तरी के से काफ़ी महंगे रेट पर बालू बिकने लगी. आमलोग के साथ ही निर्माण उद्योग से जुड़े लोग खासे परेशान हुए. कहा गया है कि. खान विभाग सरकारी रेट पर बालू बेच रहा था, लेकिन ढुलाई के कारणवह काफी महंगी बिक रही थी. लोगों को बालू आसानी से मिली नहीं इस पर बिहार के खान मंत्री जनक राम ने बताये की कुछ समय पहले हमारी मीटिंग मुख्यमंत्री के साथ हुयी थी | जिसमे यह फैसला लिया गया था की जल्द से जल्द बालू की खनन शुरू की जाए और अवैध तरीके से बिक रहे बालू पर नियंत्रण लगाया जाए |
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले दिनों हुई खान विभाग की समीक्षा बैठक में कई निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बालू को ही राजस्व का एक मुख्य स्रोत माना जाता था. सरकार में आने के बाद हमारी सरकार ने सभी क्षेत्रों में विकास किया है, इससे राजस्व के कई स्रोत बढ़े हैं |