blank 6

बिहार में सेब की खेती. सुन कर आप चौंक गए होंगे. अब तक हम यही जानते आए हैं कि सेब ठंडे प्रदेशों में होता है. जैसे कि हिमाचल प्रदेश या कश्मीर लेकिन अब सेब (Apple) की खेती बिहार में भी शुरु हो गई। इसे सुनकर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है, पर यह सच है। बेगुसराय (Begusarai) ज़िले में यह नई खेती शुरु की गई है। बिहार के बेगुसराय के एक किसान ने यह पहल शुरु की है। इस किसान की पढ़ाई-लिखाई बीएससी एग्रीकल्चर से हुई है। इनके खेतों में सेब के पौधे अभी महज एक वर्ष के हैं। ये पौधे एक साल बाद फल भी देने लगेंगे। सेब (Apple) की खेती ठंडे प्रदेशों में होती है लेकिन बिहार में इसे 40-45 डिग्री तापमान पर उगाया जा रहा है।

Also read: बिहार में इस दिन से होगी मूसलाधार बारिश, इन जिलों में चलेगी तेज हवा

ऐसे में यह पैधा कैसे तैयार होगा। इसके बारे में किसान अमित कुमार का कहना है कि उंचे तापमान के लिये एक खास प्रकार की किस्म तैयार की गई है, जिसका नाम हरमन-99 है। इस वेरायटी को ऐसे स्थान के लिये तैयार किया गया है, जहां तापमान ज्यादा गर्म हो। हरमन-99 राजस्थान में भी उगाया जा रहा है। यह खेती सफल भी हो रही है। इस लिहाज से बिहार में भी इसकी खेती की जा सकती है। यही बात मिट्टी की की जाये तो इस बारे में अमित कुमार ने बताया कि हरमन-99 वेरायटी को किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। चाहे वह दोमट मिट्टी हो, लाल मिट्टी हो या पथरीली मिट्टी हो। ऐसे में बेगुसराय में भी सेव की खेती की जा सकती है। इस फसल के लिये सबसे खास बात जलवायु की भी है, जिसे ध्यान में रखते हुए हरमन-99 तैयार किया गया है।

Also read: बिहार में फिर होगी मूसलाधार बारिश, इन जिलों में गरजेंगे बादल

पौधे लगाने से पहले गड्ढा खोदा जाता है।‌उसके बाद उसे रोगनाश्क दवा से उपचारित किया जाता है, ताकि कोई रोग न लगे। पौधे को कार्बेडाजाइम में उपचारित करके लगाया जाता है। सेब की खेती में सबसे कम खर्च है, इसमें सिर्फ समय पर सिंचाई की जरुरत होती है। हरमन-99 को हिमाचल में तैयार किया जाता है। नवम्बर से लेकर फरवरी महीने के अंत तक सेब के पौधे को लगाया जा सकता है। हिमाचल से पौधे लेकर आने के बाद उसे एक सप्ताह के अंदर ही लगा देना चाहिए।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.