वो कहते है न एक बिहारी सौ पर भारी ऐसा ही नजारा दिल्ली में देखने को मिला है हम बात कर रहे है| बुराड़ी मेन रोड से जब संत नगर मेन मार्केट के आखिरी हिस्से में पहंचते हैं तो दाहिने हाथ पर एक छोटी सी चौधरी डेयरी नजर आती है| आपको वहां से ही स्थानीय लोग 6 गज की जमीन पर बने मकान के बारे में बताने लगेंगे. अच्छा मकान देखकर आप कारीगर की तारीफ न करें ऐसा हो नहीं सकता. बता दें कि इस मकान को देखकर अच्छे-अच्छे आर्किटेक्ट और बिल्डरों के होश उड़ जाते हैं|
आपको बता दे की यहां आने वाला हर शख्स कारीगर की तारीफ करते नहीं थकता. लेकिन, इस मकान को बनाने वाला अब इस इलाके में नहीं रहता है| मकान बनाने वाले शख्स का नाम अरुण था, जो बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था |
अरुण इलाके के ही एक ठेकेदार के यहां नौकरी किया करता था. उस ठेकेदार का काम था, इलाके की जमीन की प्लॉटिंग कर और फिर बेच देना, क्योंकि जिस जमीन पर यह मकान बना हुआ है| वहीं से गली नंबर 65 के लिए रास्ता निकलना था. इसलिए रास्ता निकलने के बाद कोने की 6 गज जमीन बच गई. उस कारीगर ने ठेकेदार से 6 गज का हिस्सा अपने नाम करवा लिया |
इस दो मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर से ही पहली मंजिल पर जाने का रास्ता निकलता है और ग्राउंड फ्लोर पर ही सीढ़ियों से सटा एक बाथरूम भी है. ग्राउंड फ्लोर पर इसके अलावा कुछ नहीं है| अगर आप पहली मंजिल पर जाएंगे तो एक बेड रूम और उससे सटा एक बाथरूम नजर आएगा |
बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए एक रास्ता निकाला गया है| पहली मंजिल पर पहुंचते ही एक बेड आपको नजर आएगा. उस बेड को इस मकान के पहले मालिक ने कमरे के अंदर ही बनवाया था. तब से अब तक बेड उसी जगह पर है जहां वह पहले दिन से लगा था. मकान तिकोने आकार का है. यानी दरवाजे से शुरू होकर अंत तक जाते-जाते दीवारें त्रिभुज की तरह जुड़ जाती हैं |
पवन कुमार उर्फ सोनू इस मकान के मौजूदा मालिक हैं. न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में सोनू कहते हैं, ‘इस मकान को हमने 5-6 साल पहले अरुण कुमार नाम के एक शख्स से खरीदा था अरुण कुमार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था और उसने खुद ही इस मकान को बनाया था |