हमारे समाज में महिला के नाम पर संपत्ति खरीदने के काफी फायदे मिलते हैं। लोग इसका इस्तेमाल भी अच्छे कामो के लिए करते है चाहे महिला अकेले मालिक हो या संयुक्त तौर पर। महिलाओं के नाम पर संपत्ति लेने में सबसे बड़ा फायदा रजिस्ट्री में मिलने वाली छूट के तौर पर देखा जा सकता है। बताते चले की सरकार और बैंक भी इस दौरान काफी ऑफर देते हैं। एकता वर्ल्ड के सीएमडी अशोक मोहनानी के मुताबिक, अगर संपत्ति का मालिकाना हक पूरी तरह से किसी महिला के नाम पर नहीं है और उसे प्रॉपर्टी में जॉइंट ओनर बनाया गया हो तो इस स्थिति में भी रजिस्ट्री में एक फीसदी की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
बता दे की विशेषज्ञों का मानना है की महिलाओं के नाम पर घर लेने के टैक्स फायदों में प्रति वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की ब्याज की अतिरिक्त कटौती, अगर घर में खुद रह रहे हैं, शामिल है। अगर पति और पत्नी जॉइंट ओनर्स हैं और अगर पत्नी की आय का अतिरिक्त स्रोत है तो दोनों अलग-अलग टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। टैक्स लाभ हर सह-स्वामी के स्वामित्व हिस्से पर निर्भर करेगा।
स्टैंप ड्यूटी चार्जेज पर डिस्काउंट:
आपको बता दे की अगर एक महिला के नाम पर संपत्ति दर्ज की जा रही है तो उत्तर भारत की कई राज्य सरकारें स्टैंप ड्यूटी पर आंशिक छूट की पेशकश कर रही हैं, चाहे महिला एकमात्र मालिक हो या संयुक्त।रहेजा होम बिल्डर्स एंड डिवेलपर्स के सीईओ सुशील रहेजा ने कहा, ”अगर संपत्ति महिला के नाम पर है तो आप 1-2 प्रतिशत तक स्टैंप ड्यूटी बचा सकते हैं। दिल्ली में महिलाओं के लिेए स्टैंप ड्यूटी की दर 4 प्रतिशत और पुरुषों के लिेए 6 प्रतिशत है। इतना ही नहीं, अगर आप वित्तीय परेशानियों से गुजर रहे हैं और आपको कोई कर्ज चुकाना है तो आपकी पत्नी के नाम पर जो संपत्ति है वह आपके नुकसान के कवर के तहत नहीं आएगी”।
जानकारी के लिए बता दे की दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा महिला ग्राहकों को स्टैंप ड्यूटी में छूट देते हैं. पंजाब ने सीमित समय के लिए साल 2017 में स्टैंप ड्यूटी शुल्क 9 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था. 1 अप्रैल 2019 से स्टैंप ड्यूटी शुल्क शहरी इलाकों के लिए 9 प्रतिशत हो गया लेकिन ग्रामीण इलाकों के लिए 6 प्रतिशत ही रहा. महाराष्ट्र में स्टैंप ड्यूटी, जो हाल ही में 5 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत हुई थी, वह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान है.
स्टैंप ड्यूटी की दरें: महिला बनाम पुरुष
राज्य | पुरुष | महिला |
झारखंड | 7 प्रतिशत | 1 रुपया |
यूपी | 7 प्रतिशत | पूरे शुल्क पर 10000 का रीबेट |
पंजाब | 6 प्रतिशत | 4 प्रतिशत |
महाराष्ट्र | 6 प्रतिशत | 6 प्रतिशत |
तमिलनाडु | 7 प्रतिशत | 7 प्रतिशत |
पश्चिम बंगाल | 5 प्रतिशत- ग्रामीण में6 प्रतिशत-शहरों में(अगर प्रॉपर्टी की कीमत 40 लाख से ज्यादा है तो 1 प्रतिशत और) | जैसा पुरुषों के लिए है |
कर्नाटक | 5.6 प्रतिशत | 5.6 प्रतिशत |
नोट: यह लिस्ट पूरी नहीं है. शुल्क में बदलाव हो सकते हैं
महिलाओं के लिए होम लोन ब्याज दरों पर डिस्काउंट
इसके अलावा कई बैंक जैसे एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई इत्यादि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को होम लोन ब्याज दरों पर छूट देते हैं. यह हर बैंक में अलग-अलग होती है और 1 प्रतिशत तक जा सकती है.
यहां हम आपको महिला ग्राहकों के लिए ब्याज दरों के बारे में बता रहे हैं.
होम लोन ब्याज दर (फ्लोटिंग)- महिला ग्राहक बनाम अन्य
बैंक | महिला ग्राहकों के लिए ब्याज दर (प्रतिशत, सालाना) | अन् अन्यों के लिए ब्याज दरें (प्रतिशत, सालाना) |
एसबीआई | 8.7-9.25 | 8.75-9.35 |
ICICI बैंक | 9.1-9.3 | 9.1-9.3 |
HDFC लिमिटेड | 8.7- 9.3 | 8.75- 9.35 |
पंजाब नेशनल बैंक | 8.65-8.7 | 8.7-8.75 |