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कल है सावन का आखिरी सोमवार, जानिए पूजा का मुहूर्त और पूजन विधि

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सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना को समर्पित होता है। सोमवार के दिन लोग विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ का व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। इसलिए सावन के सोमवार पर भोलेनाथ पूजन के लिए महत्व और भी बढ़ जाता है। इस साल 16 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार पड़ रहा है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव का पूजन करने और इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। आइए जानते हैं सावन के आखिरी सोमवार पर देवों के देव महादेव जी के पूजन के मुहूर्त और विधान के बारे में…

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मुहूर्त और राहुकाल

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पंचांग के अनुसार सावन का महीना इस साल 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन सावन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ रही है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा तथा अनुराधा नक्षत्र लग रहा है। सावन के आखिरी सोमवार पर व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 29 मिनट से लेकर 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस काल में पूजन या कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है।

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पूजन की विधि

सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव का पूजन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्ति हो कर सबसे पहने शिवलिंग को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद शंकर जी को उनके प्रिय पदार्थ बेल पत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प चढ़ाया जाता है। सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव का दूध, दही, घी,शहद और गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी होता है। भगवान शिव का पूजन कर फलाहार व्रत का संकल्प लेना चाहिए। रात्रि में भगवान शिव की आरती तथा उनके दिव्य स्तोत्रों का पाठ कर स्तुति करनी चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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