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जानिए बिहार के ऐसे ज़िले को जिसको कुछ वर्षों बाद पहचानना होगा मुस्किल, ये पटना नहीं है

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आज हम आपको बिहार के एक ऐसे शहर के बारे में रूबरू कराने जा रहे है तो भविष्य का दूसरा पटना कहा जाएगा। हम बात कर रहे है स्मार्ट सिटी लिस्ट में शामिल शहर भागलपुर ज़िले की जिसको रेशम की नगरी के नाम से भी हम सभी जानते है। ये रेशमी शहर आने वाले कुछ वर्षों में इतना बदल जाएगा की पहचाना शायद मुसकिल हो जाए। फ़िलहाल जो दशा है वो थोरी दयनीय है। नाला निर्माण, केबल कनेक्शन के अलावा अन्य प्रकार के निर्माण कार्यों के वजह से भागलपुर के सड़कों की दशा इन दिनो बिगड़ी हुई है। लेकिन,

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स्मार्ट सिटी फंड से 191 करोड़ की लागत से शहर में सर्विलांस सिस्टम लगाया जा रहा है, जिसके तहत पूरे शहर में 6000 अत्याधुनिक कैमरे लगाकर चप्पे चप्पे की निगरानी की जाएगी। सर्विलांस सिस्टम का फाड़ा यह होगा की किसी भी अपराधी या बदमाशों को यह सॉफ़्टवेयर आसानी से ढूँढ निकालेगा। जीआइएस सिस्टम से पेयजल व होल्डिंग टैक्स नहीं चुकाने वालों पर भी नजर रखी जाएगी।

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शहर में जहां-जहां स्मार्ट सड़क बनेगी, वहां-वहां अंडर ग्राउंड आप्टिकल फाइवर बिछाया जाएगा। स्ट्रीट लाइट, स्मार्ट पोल और वाइफाई को सिस्टम से जोड़ा जाएगा। शहर की सभी स्मार्ट सड़कों पर सेंसर लगाए जाएंगे। इससे पुलिस को मदद मिलेगी। अब इस सिस्टम का पूरा फ़ायदा जानिए स्टेप टू स्टेप- बिजली और पानी का कनेक्शन और यूजर चार्ज जमा करने के लिए कार्यालय नहीं जाना होगा। पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बिल जमा हो जाएगा। मकान का नक्शा बनवाने और पास कराने के लिए सरकारी एजेंसी का चक्कर नहीं काटना होगा। यह भी ऑनलाइन होगा।बसों का लोकेशन, स्पीड और स्टॉपेज की जानकारी मोबाइल एप से मिलेगी। गाड़ियों की रफ्तार निर्धारित गति से ज्यादा हुई तो ऑनलाइन पेनाल्टी लगेगी

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अंडरग्राउंड जलापूर्ति पाइप में लीकेज का पता केंद्र को बैठे-बैठे चल जाएगा। नए शहर के प्रवेश-निकास द्वारों पर नाइट विजन कैमरे लगाए जाएंगे। अपराध के बाद कैमरे की रिकॉर्डिंग जांच और साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल की जा सकेगी। सिग्नल तोड़ने वाले वाहनों को पकड़ना आसान होगा। ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जाएगा ताकि इंटरनेट की गति तेज मिल सके 191 करोड़ रुपये की लागत से कंट्रोल एंड कमांड केंद्र साफ्टवेयर का होगा काम। 06 हजार अत्याधुनिक कैमरों से शहर के चप्पे-चप्पे की होगी निगरानी सुरक्षित महसूस करेंगे लोग स्मार्ट सड़क पर काल बाक्स की सुविधा होगी। जहां दुर्घटना होने पर बाक्स के बटन को दबाने पर कंट्रोल कक्ष से संपर्क हो जाएगा। जिसके बाद आपात सेवा तत्काल मिल जाएगी। इसके अलावा पार्किंग एरिया की भी निगरानी होगी। सड़क से गुजरने वाली गाड़ियों का नंबर स्वत: ट्रैक होता रहेगा।

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सिटी सेवा से जुड़े लोकेशन, पार्क, एटीएम, पुलिस स्टेशन, अस्पताल अन्य सेवाओं की जानकारी मिलेगी। लोगों की सुविधा के लिए एप भी मिलेगी। इसके जरिए ऑनलाइन आवेदन पानी, ट्रेड, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, सफाई व पानी कनेक्शन का आवेदन कर सकेंगे। लैंड मार्क भी होगा।कंट्रोल कक्ष में पहले चरण में हार्डवेयर और साफ्टवेयर पर कार्य होगा। कंट्रोल एंड कमांड कक्ष के लिए सिटी फाइवर नेटवर्क, सीसीटीवी सर्विलांस, डेटा सेंटर, डिजास्टर रिकवरी सेंटर, स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम, स्मार्ट लाइटिंग, वाई-फाई, और मोबाइल एप की सुविधा रहेगी।

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