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कोरोना संक्रमण में सुधार की स्थिति यही रही तो अगले माह से बिहार के शैक्षणिक संस्थान खुल जायेंगे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार की शाम ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में यह जानकारी दी। 

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मंत्री  ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति इसी प्रकार सुधरती रही तो राज्य सरकार और शिक्षा विभाग दोनों ही शैक्षिक संस्थान खोलने के पक्ष में है। 5 अप्रैल से बंद राज्य के शैक्षणिक संस्थान चरणबद्ध ढंग से खुलेंगे। पहले उच्च शिक्षा के संस्थान खोले जायेंगे। फिर उच्च माध्यमिक और माध्यमिक। उसके बाद मध्य विद्यालय खोले जायेंगे और सबसे अंत में प्राथमिक विद्यालय खुलेंगे।

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि लगातार सालभर से अधिक से राज्यभर के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। इसका बच्चों के शैक्षणिक कॅरियर और सीखने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए सरकार और विभाग की चाहत है कि हालात बेहतर रहे तो जुलाई में शैक्षणिक संस्थान खोल दिए जायें। हालांकि संस्थानों को खोलने के समय कोविड का जो भी प्रोटोकॉल रहेगा, उसका पूर्णत: पालन करते हुए स्कूल-कालेजों का संचालन किया जाएगा।

पढ़ाई की निरंतरता जितना कम टूटे उतना अच्छा 
विजय चौधरी ने कहा कि बंदी के दौरान उच्च शिक्षा के विद्यार्थी तो अपनी पढ़ाई की निरंतरता बरकरार रखे हुए हैं लेकिन सबसे अधिक प्रभाव छोटे और स्कूली बच्चों पर पड़ा है। स्कूलबंदी से कच्ची उम्र के बच्चों की पढ़ाई की अपूरणीय क्षति हुई है। हमलोग चाहते हैं कि पढ़ाई के सिलसिले में टूट या अवरोध का समय जितना कम रहे, उतना बेहतर है। इसलिए हालात बेहतर देखते ही हम शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के पक्षधर हैं। हालांकि, बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है और आगे भी रहेगी।

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