ओपी जिंदल ग्रुप ऑफ कंपनीज जल्द ही सुपौल में इथनॉल प्लांट लगाने जा रही है। उसके प्रस्ताव पर तेजी से काम हो रहा है। करोड़ों के इस निवेश से न सिर्फ सुपौल में रोजगार सृजन की संभावनाएं बढ़ेंगी बल्कि आसपास के जिलों को भी सीधा फायदा मिलेगा। बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ओपी जिंदल ग्रुप ऑफ कंपनीज की जेएसडब्ल्यू आने वाले दिनों में सुपौल जिले में 500 करोड़ निवेश कर 550 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाली इथनॉल प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है।
अभी तक बिहार सरकार से इसको मंजूरी नहीं दी गई है लेकिन फिर भी जेएसडब्ल्यू ने कोरोना महामारी में मरीज के बचाव में ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुये बिहार को 477 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया है। यही नहीं उद्योग विभाग की पहल से राज्य में लक्विडऑक्सीजन की पूर्ति बढ़कर 274 मीट्रिक टन तक हो गई है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक वेबीनार के दौरान दिया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद भी मौजूद थे। कार्यक्रम में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि विभाग सौंपे गये हर जिम्मेदारी को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध है। विभाग राज्य के 10 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन यूनिट लगवा रहा है। 10 जून तक टेकारी और 12 जून तक नौगछिया में प्लांट चालू हो जायेगा।
ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सेल 24 घंटे चल रहा है। वहीं, बिहार फाउंडेशन के सीईओ रविशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि फाउंडेशन के प्रयास कुल 477 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 25000 एन-95 मास्क और 100 पल्स ऑक्सीमीटर प्राप्त हो चुके हैं।
बताते चलें कि राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद ने इथनॉल प्लांट के जिन प्रस्तावों को पहले चरण की मंजूरी दी है, उसमें सबसे प्रमुख मिथिलांचल क्षेत्र के मधुबनी जिले का है।
कभी चीनी उत्पादन के लिये विशिष्ट पहचान रखने वाले मिथिलांचल में अब इथनॉल भी बनेगा। मधुबनी के लोहट में कभी चीनी मिल हुआ करती थी। अब वहां सोनासती ऑर्गेनिक्स द्वारा इथनॉल इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। कंपनी द्वारा यहां इथनॉल के अलावा चीनी और बिजली भी बनाई जाएगी। इसमें करीब 400 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।