apanabihar 8 18

केस एक: चौक निवासी 16 वर्षीय किशोर में फ्रीफायर (free fire) गेम खेलने कीआदत थी। फ्रीफायर गेम (free fire) के प्रतिद्वंद्वी ने डायमंड (daimond) खरीदने के एवज में पांच हजार रुपये का भुगतान करने का दबाव बनाया। किशोर ने अपनी बहन के खाते से चार सौ रुपये और पास के दुकानदार से छह सौ रुपये लेकर प्रतिद्वंद्वी के खाते में डाले। इसके बाद प्रतिद्वंद्वी अक्सर पैसे भेजने का दबाव बनाता, जिससे किशोर डरा-सहमा रहने लगा।

Also read: पटना से आरा, बक्सर के रास्ते सूरत के लिए ट्रेन, जाने टाइमिंग व किराया

केस दो: डालीबाग निवासी अनिरुद्ध बताते हैं कि उनका भतीजा आनलाइन क्लास की आड़ में बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India) खेलता रहता है। जब भी उससे फोन ले लिया जाता है तो वह अभद्र व्यवहार करने लगता है। करीब छह महीनों में उनके खाते से छह हजार रुपये पार हो गए। इस पर जब उन्होंने बैंक में जाकर जानकारी ली तब उन्हेंं पता चला कि बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India) गेम में आधुनिक हथियार खरीदने के कारण उनके खाते से रुपये कटे हैं।

Also read: बिहार के इन शहरों से दिल्ली, पुणे, मुंबई, और वडोदरा के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जाने टाइमिंग

ये मामले तो सिर्फ बानगी हैं। ऐसे कई मामले और भी हैं, जिनमें बच्चों ने गेम का स्टेज पार करने के लिए अपने माता-पिता व परिवारजन के खातों से रुपये भुगतान कर दिए। मनोचिकित्सक बताते हैं कि लाकडाउन के पहले गेम का बच्चों पर इतना दुष्प्रभाव नहीं था, क्योंकि अधिकतर बच्चों के पास स्मार्ट फोन या टैबलेट नहीं थे। वहीं, अब आनलाइन क्लास के चलते स्मार्ट फोन व इंटरनेट बच्चों को आसानी से मुहैया हो रहा है। बीजीएमआइ और फ्रीफायर खेलने वाले बच्चों की संख्या में लाकडाउन के बाद 15 फीसद इजाफा हुआ है। ये गेम खेलने की लत बच्चों में लग रही है। बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India) व फ्री फायर (free fire) गेम खेलने वाले बच्चों का मन धीरे-धीरे अन्य गतिविधियों की ओर कटता चला जाता है। फोन लेने पर बच्चे अभद्रता करने लगते हैं।

Also read: मुजफ्फरपर, सहरसा, भागलपुर, और गया से दिल्ली के लिए ट्रेन, जाने टाइमिंग व किराया

बच्चों पर पड़ता है प्रभाव

Also read: बिहार में बिछेगा सड़कों का जाल, बनेंगे 1530 KM लंबे 7 नए हाइवे

  • कुछ बच्चे अक्सर उदास या निराश और घबराते हैं
  • आंखों की रोशनी कम होना और लाल होना
  • कमर और गर्दन में दर्द होना, वजन बढऩा

ऐसे पहचानें फ्रीफायर की लत

  • यदि बच्चे की दिनचर्या में बदलाव नजर आए। वह आप से फोन और टैबलेट को छिपाने लगे
  • देर रात तक फोन पर समय बिताना
  • उनका स्वभाव गुस्सैल होना

ब्लू ह्वेल और पबजी की तरह बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India) और फ्रीफायर (free fire) गेम बच्चों के दिमाग पर इस तरह हावी हो जाते हैं कि वे अकेले रहना पसंद करने लगते हैं। उन्हेंं आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें। उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करें।   -डा. अभय सिंह, मनोचिकित्सक, बलरामपुर अस्पताल

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.