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मां जानकी के नाम पर देश का पहला महिला आईआईटी बनाने का प्रस्ताव पास : मिथिला की धरती पर पहली बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से शुक्रवार को आयोजित छात्रा संसद बेटियों की भीड़ उमड़ पड़ी। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के दरबार हॉल छात्राओं ने यह दिखा दिया कि अब वे सब अपनी मांग व बात रखने के लिए पीछे नहीं रहने वाली हैं।

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छात्रा संसद में सर्वसम्मति से डब्ल्यूआईटी को जानकी के नाम पर देश का पहला महिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनाने के प्रस्ताव पास कर दिया गया। छात्राओं को स्वावलंबी बनाने वाले इस संस्थान के स्वरूप में तत्काल बदलाव नहीं करने पर छात्राओं ने विचार किया। साथ ही सहमति बनाकर एलएनएमयू प्रशासन से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया।

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छात्रा संसद में पक्ष-विपक्ष में मंथन की शुरूआत प्रोटेम स्पीकर अध्यक्षता डॉ. पूनम सिंह की अध्यक्षता में हुई। छात्राओं का कहना था कि डब्ल्यूआईटी नारी सशक्तीकरण के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है। अनेक शिक्षाविदों ने इसे सिंचित किया गया है। यहां से शिक्षा प्राप्त कर अनेक छात्राओं ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश- विदेश में मिथिला विवि का नाम रोशन किया है। संस्थान के स्वरूप में बदलाव को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सदन की नेता के तौर पर जया सिंह, विपक्ष की नेता के तौर पर ऋचा मृणाल और वक्ताओं में डॉ. ममता कुमारी, संजना कुमारी, प्रिया सिंह, खुशबू कुमारी, अंकित झा, मानसी, प्रीति कुमारी, अमृता राय और निशी कुमारी, अंकिता, प्रिया सिंह, जया सिंह, सुषमा झा, खुशबू झा, अंकिता, पूजा कुमारी, संजना सिंह, मानसी कुमारी आदि विचार रखी।

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प्रोटेम स्पीकर के समक्ष रखे गए प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित
अभिभाषण पर छात्रा सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर के समक्ष वोटिंग का प्रस्ताव रखा। प्रोटेम स्पीकर ने वोटिंग कराने पर सहमति जताई। लेकिन, ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया गया कि छात्रा संसद स्वर्णिम भविष्य की परिकल्पना के साथ यह प्रस्ताव पारित करता है कि महिला प्रौद्योगिकी संस्थान दरभंगा की अद्यतन स्थिति को बहाल रखते हुए मां जानकी के नाम पर महिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी वीमेंस आईआईटी के तौर पर विकसित किया जाए। 

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