बिहार में वस्तु की मांग बढ़ने से वेयरहाउस की जरुरत होने लगी है. राजधानी पटना वेयरहाउस हब के रूप में विकसित हो रही है. नाइट फ्रेंक इंडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार पटना वेयरहाउस के लिए जमीन मुहैया कराने के मामले में पुरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. पटना के चारो ओर से लगभग 35 किमी के एरिया में बहुत बड़ा गोदाम बन रहा है. सभी छोटी बड़ी कंपनी अपना वेयरहाउस बना रही है.

पटना कई बड़े शहरों को पीछे करते हुए देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. गुवाहाटी, अम्बाला , लखनऊ , जयपुर जैसे और विकसित शहर पीछे रह गए है. देश में सबसे पहला स्थान भुवनेश्वर को मिला है. भुवनेश्वर का विकास सर 527 प्रतिशत का रहा, दुसरे स्थान पर बिहार की राजधानी पटना आया है. पटना का वेयरहाउस डेवलपमेंट का विकास दर 309 प्रतिशत रहा, वहीँ सिलीगुड़ी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. इसका विकास दर 148% है.
वित्तीय वर्ष 2021 के तुलना में 2022 में पटना के अन्दर 9 लाख वर्ग किमी जमीन पर वेयरहाउस बना है. जो की पहले की तुलना में दोगुना से ज्यादा है. पटना के चारो तरफ से जो नेशनल हाईवे बना हुआ है सभी रोड के साइड में वेयरहाउस विकसित हो रहा है. जिसमे एनएच 31 , एनएच 922, पटना गया रोड शामिल है. पटना से हाजीपुर वाले रास्ते में भी करीब 20 किमी के एरिया में वेयरहाउस विकसित हो रहा है.
फ्लिप्कार्ट , अमेज़न, कोकाकोला , पेप्सी, पतंजलि, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, अल्ट्रा टेक सीमेंट, टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनी तो वेयरहाउस बना ही रही है साथ ही छोटी-छोटी कंपनी भी अपना गोदाम यही पर विकसित कर रही है. पटना में गाँधी सेतु के पूरा बन जाने से बिहटा, गौरीचक, फतुहा, जीरो माइल, दीदारगंज और खगौल जैसे इलाके में भी वेयरहाउस बन रहा है.